सख्ती के मूड में प्रशासन : तब्लीगी जमात से लौटे लोगों के लिए अंतिम मौका, खुद जाकर करा ले जांच, पकड़े जाने पर रासुका के तहत होगी कार्रवाई, धर्म गुरुओं की बैठक में DM ने इन मसलों पर भी की चर्चा
वाराणसी। जिला मजिस्ट्रेट कौशल राज शर्मा ने धर्म गुरुओं संग शनिवार को बैठक कर वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव को लेकर चलाए जा रहे मुहिम में सहयोग करने की अपील की है। उन्होंने कहा है कि जो लोग तब्लीगी जमात से जिले में आ कर जहां-जहां भी रह रहे हैं, वे स्वयं आकर अपनी जांच करा लें। अगर वे खुद सामने नहीं आते, जांच नहीं कराते हैं तो ऐसे लोग अपने परिवार और समाज के लिए खतरा हैं। उनको अभी भी मौका दिया जाता है कि आकर जांच करा लें। ऐसा न करने पर उनके साथ सख्ती की जायेगी। एफआईआर दर्ज राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासूका) के तहत कार्रवाई की जाएगी। बैठक में उन्होंने कहा, आठ अप्रैल से 11 अप्रैल के बीच पड़ने वाले पर्व शब-ए-बारात पर कोई भी घरों से नहीं निकले। कहीं भी आने-जाने के लिए किसी को अनुमति नहीं होगी। सभी लॉकडाउन का कड़ाई से पालन करेंगे। दरअसल, जिला मजिस्ट्रेट कौशल राज शर्मा ने शनिवार को कैंप कार्यालय सभागार में धर्म गुरुओं के साथ बैठक की। बैठक में अब्दुल बातिन, अखलाक अहमद, ए. मलिक, एस.एम.यासीन आदि मौजूद थें। जिलाधिकारी ने धर्मगुरुओं के साथ कोविड-19 के संबंध में चर्चा की। अब तक जिला प्रशासन द्वारा की गई व्यवस्थाओं की जानकारी दी। धर्म गुरुओं से सहयोग की अपील की। उन्होंने घर्म गुरुओं से खाने-पीने की चीजों से संबंधित समस्या की जानकारी ली। कहा, जहां भी जिला प्रशासन के सहयोग की जरूरत हो तुरंत बतायें।

जिलाधिकारी ने धर्मगुरुओं से कहा कि जो लोग तब्लीगी जमात से जिले में आ कर जहां-जहां भी रह रहे हैं, वे स्वयं आकर अपनी जांच करा लें। अगर वे खुद सामने नहीं आते और जांच नहीं कराते तो ऐसे लोग अपने परिवार और समाज के लिए खतरा हैं। उनको अभी भी मौका दिया जाता है कि आकर जांच करा लें अन्यथा फिर उनके साथ सख्ती की जायेगी। जिन लोगों को बीमारी के लक्षण हैं वे 1077 नंबर पर कंट्रोल रूम में सूचना दें। दीनदयाल अस्पताल में जा कर स्क्रीनिंग करायें। इलाज करायें। इलाज में सहयोग करें। अस्पताल में डॉक्टरों/कर्मचारियों से किसी तरह का दुर्व्यवहार न करें। उन्होंने धर्मगुरुओं से कहा कि वे अपनी ओर से समाज के लोगों से अपील करें। उन्हें बीमारी के खतरों से आगाह करते हुए जिला प्रशासन की कड़ी कार्रवाई करने की चेतावनी के विषय में जानकारी दें। धर्मगुरुओं का कहना है कि इस खतरनाक बीमारी से बचने और लोगों को बचाने के लिए ये जरूरी है कि आठ अप्रैल से 11 अप्रैल के बीच पड़ने वाले पर्व शब-ए-बारात पर कोई भी घरों से नहीं निकले।