Akanksha Dubey Suicide : न्याय के लिए दर दर भटक रही अभिनेत्री की मां, मौत के 10 दिन बाद भी दबिश तक ही सीमित है वाराणसी पुलिस, नामजद आरोपी अब भी पकड़ से दूर
Varanasi : भोजपुरी फिल्म स्टार आकांक्षा दुबे के मौत की मिस्ट्री दिनों दिन उलझती जा रही है। वहीं आरोपी सिंगर समर सिंह और उसका भाई संजय सिंह अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। 10 दिन के बाद भी पुलिस के हाथ खाली हैं। पुलिस की सारी कार्रवाई दबिश तक ही सीमित है। वहीं अभिनेत्री की मां मधु दुबे न्याय की आस में दर-दर भटक रहीं हैं। सारनाथ थाने की पुलिस तहरीर के आधार पर धारा 306 के तहत समर सिंह और संजय सिंह पर एफआईआर दर्ज किया है। पुलिस का कहना है दोनों की तलाश सरगर्मी से की जा रही है। जल्द ही दोनों पुलिस की हिरासत में होंगे।
बता दें कि 27 मार्च को आकांक्षा की मां माधु चौबे वाराणसी पहुंची और सारनाथ थाने में भोजपुरी सिंगर समर सिंह और उसके भाई संजय सिंह पर प्रताड़ना और मानसिक दबाव देने का आरोप लगाते हुए तहरीर दायर की। उन्होंने अपनी तहरीर में बकायदा समर सिंह और संजय सिंह पर आरोप लगाते हुए लिखा है कि मेरी लड़की को पिछले तीन साल से समर सिंह और उसका भाई संजय सिंह प्रताड़ित कर रहे थे। इन्ही लोगों की प्रताड़ना से तंग आकर मेरी बेटी ने अपनी जान गंवा दी।
वहीं तहरीर के आधार पर वाराणसी पुलिस कमिश्नरेट के थाने पर सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया। एडिशनल पुलिस कमिश्नर संतोष सिंह ने बताया कि आईपीसी की धारा 306 में अभियोग पंजीकृत है। नामजद आरोपी को पकड़ने के लिए पुलिस की कई टीम लगाई गई है। आरोपी जल्द पुलिस के गिरफ्त में होंगे।
गौरतलब है कि एफआईआर में 306 धारा लगाया गया है। जिसमें 10 साल की सजा और आर्थिक दंड लगाया जाता है। वाराणसी सेन्ट्रल बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष और वरिष्ठ क्रिमिनल एडवोकेट विवेक शंकर तिवारी ने बताया कि आईपीसी की धारा 306 यानी कोई व्यक्ति आत्महत्या करता है और जो भी व्यक्ति इस आत्महत्या का दुष्प्रेरण करता है। उसके ऊपर लगाई जाती है। इस धारा में 10 साल की सजा का प्रावधान है। उन्होंने बताया कि 1 साल से 10 साल की सजा होती है, पर कोई भी कोर्ट 7 साल से कम की सजा नहीं सुनाती है।