52 PHC पर आरोग्य मेला : स्वास्थ्य सेवाएं मिलीं, 1923 मरीजों को फायदा, खुशहाल परिवार दिवस पर तीन की नसबंदी
Varanasi : एक बार फिर 52 ग्रामीण और शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर मुख्यमंत्री आरोग्य स्वास्थ्य मेला आयोजित हुआ। रविवार को आरोग्य स्वास्थ्य मेले में 1923 मरीजों की निशुल्क स्वास्थ्य जांच की गयी। इसके साथ ही मरीजों निशुल्क दवा और चिकित्सीय परामर्श भी दिया गया। सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर संचारी रोगों डेंगू, मलेरिया, पानी नहीं केवल स्तनपान और मौसमी बीमारियों के लिए जागरूक किया गया।
हर माह की 21 तारीख को मनाए जाने वाले मनाए गए खुशहाल परिवार दिवस पर शनिवार को जिले में तीन पुरुष नसबंदी हुई। यह जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संदीप चौधरी ने दी।
सीएमओ ने बताया कि जिले की 52 पीएचसी में मुख्यमंत्री आरोग्य स्वास्थ्य मेलों का आयोजन किया गया। मेले का उद्देश्य है कि एक ही छत के नीचे लोगों को अधिकाधिक स्वास्थ्य सुविधाएं, जांच, उपचार और दवाएं आदि उपलब्ध हो। हमारा प्रयास है कि इस मेले से अधिक से अधिक लोग लाभान्वित हों।
उन्होंने बताया कि मेला परिसर में प्रवेश करने से पूर्व प्रत्येक व्यक्ति की स्क्रीनिंग की जा रही है। मेले में मास्क और सेनिटाइजर की भी व्यवस्था है। सभी लोग सहयोगात्मक व्यवहार करें। इससे जांच, उपचार और दवाओं आदि की सुविधा आसानी से मिल सकेगी।
सीएमओ ने जनपदवासियों से अपील की कि संचारी रोगों जैसे डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया, फाइलेरिया आदि से बचाव के लिए घर व आसपास ज्यादा दिन तक पानी जमा न होने दें, क्योंकि ठहरे और साफ पानी में ही डेंगू का मच्छर पनपता है। साफ-सफाई का जरूर ध्यान रखें।
गर्म और ताजा खाना ही खाएं। पीने के पानी को हमेशा ढक कर रखें, स्वच्छ और साफ पानी का ही उपयोग करें। उन्होंने कहा कि हर शनिवार-रविवार मच्छर पर वार को ध्यान में रखते हुए जमा हुए पानी स्रोतों का विनष्टीकरण जरूर करें। इसके साथ ही कोरोना से बचाव के लिए मास्क लगाना, दो गज दूरी और हाथों को बार-बार सेनिटाइज करना न भूलें।

एसीएमओ और परिवार नियोजन के नोडल अधिकारी डॉ. राजेश प्रसाद ने बताया कि परिवार नियोजन की सेवाओं को बढ़ावा देने, मातृ-शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिए हर माह की 21 तारीख को खुशहाल परिवार दिवस मनाया जाता है।
शासन से मिले निर्देशानुसार के क्रम में शनिवार को खुशहाल परिवार दिवस पर जिले में चौकाघाट सीएचसी पर तीन पुरुष नसबंदी हुई। सीएचसी के प्रभारी डॉ. मनमोहन शंकर की देखरेख में इच्छुक लाभार्थी बड़ागांव निवासी विनोद (35), कोनिया निवासी जीतेंद्र कुमार (35) और ईश्वगंगी निवासी दीपचंद (30) की नसबंदी वरिष्ठ परामर्शदाता डॉ. अनिल कुमार द्वारा की गई। तीनों इच्छुक लाभार्थियों को सरकारी की ओर से 2000 रुपसे की प्रतिपूर्ति राशि भी प्रदान की गई।
मेले में 1,923 लोगों की स्वास्थ्य जांच की गई जिसमें 735 पुरुषों, 947 महिलाओं और 241 बच्चों को देखा गया। इन स्वास्थ्य मेलों में आयुष्मान भारत योजना के स्टॉल लगाकर 53 लाभार्थियों के आयुष्मान कार्ड भी बनाए गए। इस दौरान कोविड हेल्प डेस्क पर 1141 व्यक्तियों की स्क्रीनिंग की गईं, जिसमें 445 व्यक्तियों का एंटीजन किट से कोरोना टेस्ट किया गया जिसमें सभी व्यक्ति निगेटिव पाये गए। इसके अलावा 78 लोगों की हेपेटाइटिस-बी और सी की जांच हुई, 129 बुखार के, 96 लोगों की मलेरिया जांच में एक भी पॉजिटिव नहीं, 9 लिवर, 73 श्वसन, 200 उदर, 73 मधुमेह, 271 त्वचा संबन्धित मरीज, 11 टीबी के संभावित लक्षण दिखने वाले व्यक्ति, 31 एनीमिक महिलाएं, 63 हाईपेर्टेंशन, 150 महिलाओं की प्रसव पूर्व जांच (एएनसी) एवं 747 अन्य रोगों के मरीज देखे गए।
वहीं 13 मरीजों को संदर्भित किया गया। मेले में तीन कुपोषित बच्चे चिन्हित हुए। दो मरीजों को चिकित्सीय उपचार के लिए भेजा गया। 22 मरीजों को आंख की स्क्रीनिंग की गयी जिसमें तीन मरीजों को सर्जरी, दो मरीजों की जनरल सर्जरी, तीन मरीजों की ई इन टी सर्जरी, एक मरीज का ओब्स और गायनी सर्जरी, दो मरीजों को अन्य सर्जरी के लिए चिन्हित किया गया। जिला स्तर पर मेले में 103 मेडिकल ऑफिसर और 334 पैरामेडिकल स्टाफ ने कार्य किया।
सुविधाएं
मुख्यमंत्री आरोग्य स्वास्थ्य मेलों में गोल्डन कार्ड बनवाने, गर्भावस्था, प्रसव कालीन परामर्श, पूर्ण टीकाकरण, परिवार नियोजन संबंधी साधनों और परामर्श की व्यवस्था रही। संस्थागत प्रसव संबंधी जागरूकता, जन्म पंजीकरण परामर्श, नवजात शिशु स्वास्थ्य सुरक्षा परामर्श और सेवाएं, बच्चों में डायरिया, निमोनिया की रोकथाम के साथ ही टीबी, मलेरिया, डेंगू, फाइलेरिया, कुष्ठ आदि बीमारियों की जानकारी, जांच और उपचार की निशुल्क सेवाएं दी गईं। पीएचसी पर जो जांचें नहीं हो पाईं उन मरीजों को जांच के लिए सीएचसी अथवा जिला चिकित्सालय रेफर कर दिया गया।