Health Varanasi 

Varanasi के 52 PHC पर लगा आरोग्य मेला : डेंगू, मलेरिया से बचाव के लिए किया गया जागरूक, CMO बोले- घर और आसपास जमा न होने दें पानी

Varanasi : एक बार फिर से जिले के 52 ग्रामीण और शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर मुख्यमंत्री आरोग्य स्वास्थ्य मेला आयोजित हुआ। रविवार को आयोजित आरोग्य स्वास्थ्य मेले में मरीजों की निशुल्क स्वास्थ्य जांच की गयी। मरीजों निशुल्क दवा औक चिकित्सीय परामर्श भी दिया गया। सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर संचारी रोगों डेंगू, मलेरिया और मौसमी बीमारियों के लिए जागरूक किया गया।

CMO डॉ. संदीप चौधरी ने बताया कि 52 पीएचसी में मुख्यमंत्री आरोग्य स्वास्थ्य मेलों का आयोजन किया गया। मेले का उद्देश्य है कि एक ही छत के नीचे लोगों को अधिकाधिक स्वास्थ्य सुविधाएं, जांच, उपचार और दवाएं आदि उपलब्ध हों। हमारा प्रयास है कि इस मेले से अधिक से अधिक लोग लाभान्वित हों।

उन्होंने बताया कि मेला परिसर में प्रवेश करने से पूर्व प्रत्येक व्यक्ति की स्क्रीनिंग की जा रही है। मेले में मास्क और सेनिटाइजर की भी व्यवस्था है। सभी लोग सहयोगात्मक व्यवहार करें। इससे जांच, उपचार और दवाओं आदि की सुविधा आसानी से मिल सकेगी।

CMO ने अपील की कि संचारी रोगों जैसे डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया, फाइलेरिया आदि से बचाव के लिए घर और आसपास ज्यादा दिन तक पानी जमा न होने दें, क्योंकि ठहरे पानी में ही डेंगू का मच्छर पनपता है। साफ-सफाई का जरूर ध्यान रखें। गर्म और ताजा खाना ही खाएं। पीने के पानी को हमेशा ढ़क कर रखें, स्वच्छ और साफ पानी का ही उपयोग करें।

उन्होंने कहा कि हर शनिवार और रविवार मच्छर पर वार को ध्यान में रखते हुए जमा हुए पानी स्रोतों का विनष्टीकरण जरूर करें। इसके साथ ही कोरोना से बचाव के लिए मास्क लगाना, दो गज दूरी और हाथों को बार-बार सैनिटाइज करना न भूलें।

मेले में 1,732 लोगों की स्वास्थ्य जांच की गई जिसमें 695 पुरुषों, 821 महिलाओं और 216 बच्चों को देखा गया। इन स्वास्थ्य मेलों में आयुष्मान भारत योजना के स्टॉल लगाकर 46 लाभार्थियों के आयुष्मान कार्ड भी बनाए गए। इस दौरान कोविड हेल्प डेस्क पर 1087 व्यक्तियों की स्क्रीनिंग की गईं, जिसमें 463 व्यक्तियों का एंटीजन किट से कोरोना टेस्ट किया गया जिसमें सभी व्यक्ति निगेटिव पाये गए।

इसके अलावा 45 लोगों की हेपेटाइटिस-बी और सी की जांच हुई, 139 बुखार के, 93 लोगों की मलेरिया जांच में एक पॉजिटिव, 16 लिवर, 92 श्वसन, 177 उदर, 68 मधुमेह, 243 त्वचा संबन्धित मरीज, 12 टीबी के संभावित लक्षण दिखने वाले व्यक्ति, 14 एनीमिक महिलाएं, 39 हाईपेर्टेंशन, 123 महिलाओं की प्रसव पूर्व जांच (एएनसी) और 718 अन्य रोगों के मरीज देखे गए। वहीं, 9 मरीजों को संदर्भित किया गया। मेले में एक भी बच्चा कुपोषित नहीं पाया गया।

1 मरीज को चिकित्सीय उपचार के लिए भेजा गया। इसके अलावा 21 मरीजों को आंख की स्क्रीनिंग की गयी जिसमें 3 मरीजों को सर्जरी, 3 मरीजों को जनरल सर्जरी, 1 मरीज को ओब्स, गायनी सर्जरी और 1 मरीज को अन्य सर्जरी के लिए चिन्हित किया गया। जिला स्तर पर मेले में 88 मेडिकल ऑफिसर और 333 पैरामेडिकल स्टाफ ने कार्य किया।

मिली सुविधाएं

मुख्यमंत्री आरोग्य स्वास्थ्य मेलों में गोल्डन कार्ड बनवाने, गर्भावस्था, प्रसव कालीन परामर्श, पूर्ण टीकाकरण, परिवार नियोजन संबंधी साधनों और परामर्श की व्यवस्था रही। इसके साथ ही संस्थागत प्रसव संबंधी जागरूकता, जन्म पंजीकरण परामर्श, नवजात शिशु स्वास्थ्य सुरक्षा परामर्श एवं सेवाएं, बच्चों में डायरिया और निमोनिया की रोकथाम के साथ ही टीबी, मलेरिया, डेंगू, फाइलेरिया, कुष्ठ आदि बीमारियों की जानकारी, जांच और उपचार की निशुल्क सेवाएं दी गई। पीएचसी पर जो जांचें नहीं हो पाईं उन मरीजों को जांच के लिए सीएचसी अथवा जिला चिकित्सालय रेफर कर दिया गया।

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