#बतकहीबाज- किस तरह कर दिया दिल-ए-नाज़ुक को चूर-चूर : और स्कूटीवाले के साथ खेला हो गया, देखा गोश्त गायब है, पता चलने पर इलाकाई चौकी इंचार्ज सिपाही लेकर पहुंचे
व्यंग्य
परवीन उम्म-ए-मुश्ताक का शेर है- किस तरह कर दिया दिल-ए-नाज़ुक को चूर-चूर, इस वाक़िआ’ की ख़ाक है पत्थर को इत्तिलाअ’। दरअसल, चोरी कई तरह की होती है। कभी-कभी चोर अपनी हरकतों से दिल-ए-नाज़ुक को चूर-चूर कर देते हैं। कुछ इसी तरह का मसला बुधवार की रात वाराणसी कमिश्नरेट के कैंट पुलिस के सामने आया। पूरा का पूरा 750 ग्राम बकरे का गोश्त चोरी हो गया। बेचारा खरीददार गोश्त लजीज तरीके से पकाने के लिए स्कूटी खड़ी कर तेल-मसाला खरीद रहा था। तकरीबन तीन मिनट के अंदर कोई नामुराद चोर गोश्त उठा ले गया।
माजरा कचहरी एरिया का है। मौका-ए-वारदात पर इकट्ठा हुए लोगों ने बताया कि, 750 ग्राम मटन खरीदने के बाद स्कूटीवाला वरुणा पुल के सास परचून की दुकान से तेल-मसाला खरीदने लगा। खेला हो गया स्कूटीवाले के साथ। वह दुकान के सामने खड़ी स्कूटी के पास आया। देखा मटन गायब है। दिल के टुकड़े हजार हुए। कोई यहां गिरा, कोई वहां…।
स्कूटीवाले ने जानकारी पुलिस को दी। नदेसर पुलिस चौकी के इंचार्ज अपने साथ सिपाही लेकर पहुंचे। जांच-पड़ताल की गई। सुराग नहीं मिला, चोर का। टूटे दिल की पीर स्कूटी वाला सह नहीं पा रहा था। बावजूद इसके, दरियादिली दिखाते हुए उसने पुलिस से गोश्त चोरी की लिखित शिकायत नहीं की। पुलिस लिखित शिकायत न मिलने की वजह से वापस चली गई।
स्कूटी वाला भी अपने रास्ते को हो लिया। जुटे लोगों को याद आया कि उनके पास भी अपना काम-धंधा है। लिहाजा, सभी चलते बने। चलिए, खालिद इरफ़ान की नज्म के साथ हम भी मसले को भूलने की कोशिश करते हैं- ज़रूर चोर कोई सारिक़-ए-अदब होगा, उसे बयाज़ चुराने का ख़ास ढब होगा।
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