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सज कर तैयार है सपनों का बेगमपुरा, सेवादारों के आने का क्रम जारी: रविदास जयंती पर शामिल हो सकते है कई दिग्गज नेता, आज जालंधर से रवाना होंगे संत निरंजन दास

Varanasi : संत रविदास के सपनों का गांव बेगमपुरा सज गया है। रविदास जयंती पर उनकी जन्मस्थली वाराणसी के सीरगोवर्धन में देश-विदेश से लाखों श्रद्धालुओं आते हैं। सभी संत रविदास के दरबार में मत्था टेकते हैं। सीरगोवर्धनपुर स्थित संत रविदास की जन्मस्थली पर उनकी जयंती को लेकर तैयारियां तेज हो गई हैं। संत रविदास की जयंती 5 फरवरी को है। उनकी जयंती पर PM मोदी सहित राजनीति के बड़े दिग्गज संत रविदास के दरबार मत्था टेकने आ सकते हैं। इसमें उत्तर प्रदेश के CM योगी आदित्यनाथ, पंजाब के मुख्यमंत्री, पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, मायावती, कांग्रेस नेता राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल सहित अन्य कई राजनैतिक लोग पहुंच सकते हैं। ये सभी यहां दर्शन पूजन के साथ लंगर भी छकेंगे।

फ़ाइल फ़ोटो

संत रविदास मंदिर के मैनेजर रणवीर सिंह ने बताया कि जयंती समारोह में शामिल होने के लिए कुछ राजनीतिक लोगों को भी आमंत्रण पत्र भेजा गया हैं। इसमें राष्ट्रपति भी हैं। उन्होंने बताया कि सीएम योगी आदित्यनाथ ने आमंत्रण स्वीकार कर लिया है।निरंजन दास जालंधर पंजाब से आज (गुरुवार) अनुयायियों के साथ स्पेशल ट्रेन से चलकर कल (शुक्रवार) सीर गोवर्धनपुर पहुंचेंगे। जहां मंदिर कमिटी के लोग उनका कैंट स्टेशन पर स्वागत करेंगे।

सेवादारों के दल ने संभाला मोर्चा, लंगर शुरू

पंजाब से सेवादार काशी आ गए हैं। इस वर्ष भी 1500 से अधिक सेवादारों ने जयंती की पूरी जिम्मेदारी संभाल ली हैं। सेवादारों ने लंगर हॉल, पंडाल, मंदिर परिसर, सुरक्षा सहित अन्य कार्यों की जिम्मेदारी को संभाल लिया हैं। आने वाले सभी श्रद्धालुओं के लिए लंगर हॉल में बैठकर खाने की व्यवस्था की गई है। लंगर का भोजन पकाने के लिए सेवादार अपने कामों में लग गए हैं। आज से बड़े लंगर की शुरुआत हो जाएगी।

पुलिस अफसरों ने आयोजकों संग की बैठक

कोतवाली थाना परिसर में बुधवार को रविदास जयंती के मद्देनजर पुलिस अफसरों और आयोजकों की बैठक हुई। डीसीपी काशी जोन आरएस गौतम ने आयोजकों से कहा कि रविदास जयंती के दिन झांकियां सिर्फ संत शिरोमणि से संबंधित ही निकाली जाएं। किसी प्रकार की राजनीतिक झांकियां न निकाली जाएं। जुलूस या शोभायात्रा के दौरान अश्लील गाने कतई न बजें। सिर्फ भजन ही सुनाई देना चाहिए। इसके साथ ही जुलूस या शोभायात्रा में शामिल कोई भी व्यक्ति नशे की हालत में न हो।

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