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वाराणसी कमिश्नरेट की साइबर क्राइम टीम का बेहतरीन काम : दो महीने में 16 लाख से ज्यादा रुपये रिकवर कराए, CP ए. सतीश गणेश ने किया सम्मानित, बोले- अकाउंट से संबंधित जानकारी किसी से साझा न करें

Varanasi : ऑनलाइन फ्रॉड और फोन कॉल के जरिए हुई ठगी के प्रकरणों में वाराणसी की साइबर क्राइम टीम ने जनवरी 2022 से अबतक छह मामलों में 16,28,342 रुपये रिकवर किये हैं। बुधवार को पुलिस आयुक्त ए. सतीश गणेश ने साइबर क्राइम टीम निरीक्षक सहित सभी कर्मियों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।

सम्मानित होने वाले कर्मियों में निरीक्षक अंजनी कुमार पांडेय प्रभारी सर्विलांस साइबर सेल, दरोगा शांतनु सिंह, कंप्यूटर आपरेटर परवेज अख्तर, आरक्षी सुनील कुमार, आरक्षी मनीष कुमार वर्मा, आरक्षी अखिलेश सोनकर, आरक्षी आदर्श आनंद सिंह और आरक्षी विराट सिंह साइबर शामिल हैं।

CP ने लोगों से ऑनलाइन फ्रॉड से सतर्क रहने की अपील की। कहा कि बैंक संबंधित जानकारी जैसे कि ओटीपी, पिन, सीवीवी आदि किसी के साथ साझा न करें। अपने मोबाइल में किसी के कहने पर स्क्रीन-शेयरिंग ऐप जैसे कि AnyDesk, Quick Support, TeamViewer आदि न डाऊनलोड करें। गूगल सर्च पर कस्टमर केयर के नाम से उपलब्ध नंबरों पर बिना जांचे-परखे विश्वास न करें। लोन केवल विश्वसनीय बैंक या आर्थिक संस्थान आदि से ही प्राप्त करें।

सोशल मीडिया साइट्स पर पेमेंट करने के लिए सतर्क रहें। सभी से अपील की कि क्रेडिट कार्ड एक्टीवेशन, ब्लॉक और केवाईसी के नाम पर किसी भी व्यक्ति को बैंक संबंधित जानकारी उपलब्ध कराने से बचें। OLX, Quikr, Facebook (Meta) आदि वेबसाइट पर उपलब्ध सामग्रियों का भुगतान बिना भौतिक सत्यापन और जांच के न करें।

कहा कि साइबर फ्रॉड होने पर 930 पर कॉल कर अपनी शिकायत दर्ज कराएं। कमिश्नरेट वाराणसी से संबंधित हों तो साइबर सेल के नंबर 7839856954 पर संपर्क करें। पुलिस आयुक्त द्वारा साइबर अपराधों के नियंत्रण के लिए हर थानों पर साइबर हेल्प डेस्क को क्रियान्वयन किये जाने संबंधित को निर्देशित किया गया है। थानों पर स्थापित साइबर हेल्प डेस्क डायरेक्ट साइबर सेल से समन्वय स्थापित करते हुए थाना स्तर से प्राप्त शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई करेगी।

इन मामलों में रिकवरी

केस 01- साइबर क्राइम टीम द्वारा ऑनलाइन धोखाधड़ी के शिकार चौक निवासी आशीष कुमार पुत्र चंद्र कुमार का 8 लाख 63 हजार रूपये बचाया गया।

घटना का विवरण- 02 मार्च 2022 को शाम को 6 बजे शिकायतकर्ता के द्वारा साइबर सेल से फ्रॉड की शिकायत दर्ज करायी गयी। शिकायतकर्ता द्वारा बताया गया कि उसके द्वारा गूगल से एसबीआई कस्टमर केयर नंबर निकाला गया जो कि फ्राडस्टर का था। शिकायतकर्ता द्वार उक्त नंबर को वास्तविक कस्टमर केयर नंबर समझकर उसके झांसे में आ गया। फ्राडस्टर द्वारा स्क्रीन शेयरिंग ऐप डाउनलोड कराकर धोखाधड़ी की घटना को अंजाम दिया गया। साइबर सेल द्वारा वालेट और बैंक से पत्राचार किया गया। तीन घंटे के अंदर वादी के साथ हुए धोखाधड़ी की राशि 8 लाख 63 हजार रुपये को बचा लिया गया।

केस 02- कैंट निवासी सुनील कुमार द्वारा साइबर सेल से फ्रॉड की शिकायत दर्ज करायी गयी। शिकायतकर्ता द्वारा बताया गया कि उसके द्वारा गूगल से आईसीआईसीआई कस्टमर केयर नंबर निकाला गया जो फ्राडस्टर का था। शिकायतकर्ता द्वारा उक्त नंबर को वास्तविक कस्टमर केयर नंबर समझकर उसके झांसे में आ गया और फ्राडस्टर द्वारा स्क्रीन शेयरिंग ऐप डाउनलोड कराकर धोखाधड़ी की घटना को अंजाम दिया गया। साइबर सेल द्वारा धोखाधड़ी की राशि 54 हजार रुपये को रिफंड कराया गया।

केस 03- घौसाबाद निवासी करीम खान पुत्र स्व. बशीर खान द्वारा साइबर से फ्रॉड की शिकायत दर्ज करायी गयी। शिकायतकर्ता द्वारा बताया गया कि उसके द्वारा गूगल से एसबीआई कस्टमर केयर नंबर निकाला गया जो कि फ्राडस्टर का था। शिकायतकर्ता द्वारा उक्त नंबर को वास्तविक कस्टमर केयर नंबर समझकर उसके झांसे में आ गया। फ्राडस्टर द्वारा स्क्रीन शेयरिंग ऐप (एनीडेस्क) डाउनलोड कराकर धोखाधड़ी की घटना को अंजाम दिया गया। साइबर सेल ने 50 हजार रुपये रिफंड कराया गया।

केस 04- चौकाघाट निवासी ओमप्रकाश पुत्र जोखन द्वारा साइबर सेल से साइबर फ्रॉड की शिकायत दर्ज करायी गयी। शिकायतकर्ता द्वारा बताया गया कि उसके द्वारा गूगल से एसबीआई कस्टमर केयर नंबर निकाला गया जो फ्राडस्टर का था। शिकायतकर्ता उक्त नंबर को वास्तविक कस्टमर केयर नंबर समझकर उसके झांसे में आ गया। फ्राडस्टर द्वारा स्क्रीन शेयरिंग ऐप (एनीडेस्क) डाउनलोड कराकर धोखाधड़ी की घटना को अंजाम दिया गया। साइबर सेल द्वारा 49 हजार रुपये रिफंड कराया गया।

केस O5- सुंदरपुर निवासी आकाश विश्वकर्मा पुत्र मोहन विश्वकर्मा द्वारा साइबर सेल से शिकायत दर्ज करायी गयी। शिकायतकर्ता द्वारा बताया गया कि उसको क्रेडिट कार्ड अपडेट कराने के लिए एक फोन आया। ठग खुद को एसबीआई क्रेडिट कार्ड डिपार्टमेंट का बता रहा था। शिकायतकर्ता उक्त नंबर को वास्तविक कस्टमर केयर नंबर समझकर उसके झांसे में आ गया। फ्राडस्टर को ओटीपी बता दिया। साइबर क्राइम द्वारा धोखाधड़ी की राशि 45 हजार 53 रुपये रिफंड कराया गया।

केस 06- प्रवेश कुमार पांडेय पुत्र राजनाथ पांडेय निवासी अर्दली बाजार द्वारा साइबर सेल से फ्राड की शिकायत दर्ज करायी गयी। शिकायतकर्ता द्वारा बताया गया कि उसके द्वारा गूगल से आरबीएल बैंक कस्टमर केयर नंबर निकाला गया जो फ्राडस्टर का था। शिकायतकर्ता नम्बर को वास्तविक कस्टमर केयर नम्बर समझकर उसके झांसे में आ गया। फ्राडस्टर द्वारा स्क्रीन शेयरिंग ऐप (एनीडेस्क) डाउनलोड कराकर धोखाधड़ी की घटना को अंजाम दिया गया। साइबर सेल ने रुपये को होल्ड कराया। 60 हजार रुपये रिफण्ड हो गए। शेष राशि रिफण्ड कराने के लिए आवश्यक कार्रवाई की जा रही है।

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