ढोलक की थाप और मंजीरे की खनक के बीच गौने की रस्म : गौरा को लगाई गई हल्दी, महंत आवास में गूंजे मंगलगीत
Varanasi : बाबा विश्वनाथ के गौने की रस्म शुरू हो गई है। वाराणसी के टेढ़ीनीम स्थित विश्वनाथ मंदिर के पूर्व महंत आवास पर पूरे 4 दिन तक रस्मों को निभाया जाएगा। गौरा के रजत विग्रह को संध्याबेला हल्दी लगाई गई। तेल हल्दी की रस्म के लिए सुहागिनों और गवनहिरयों की टोली महंत आवास पहुंची। इस उत्सव में मोहल्ले की महिलाएं भी शरीक हुईं। इसी के साथ ही महंत आवास में मंगलध्वनी गूंजने लगी।

ढोलक की थाप और मंजीरे की खनक के बीच महिलाएं शिव-पार्वती के विवाह के गीत गाते हुए गौरा को हल्दी लगाती रहीं। पारम्परिक उत्सव के बीच कोई मांगलिक गीत गा रहा तो कोई ढोलकी थाप दे रहा और रह-रहकर महिलाएं नृत्य करने लगतीं। लोक संगीत के बीच बीच शिव-पार्वती के मंगल दाम्पत्य की कामना पर आधारित पारंपरिक गीतों का क्रम देर तक चला। ‘गौरा के हरदी लगावा, गौरा के सुंदर बनावा…, ‘सुकुमारी गौरा कइसे कैलाश चढ़िहें…’, ‘गौरा गोदी में लेके गणेश विदा होइहैं ससुरारी…’ आदि गीतों के जरिए विवाहोत्सव की धूम मच गई है।

महाशिवरात्रि पर बाबा की चल प्रतिमा का शिव-पार्वती विवाह विश्वनाथ मंदिर के महंत आवास पर लोक परंपरानुसार किया गया था। महंत डॉ कुलपति तिवारी ने बताया कि गौरा के गौना के लिए मंगलवार से 3 मार्च तक महंत आवास गौरा के मायके में परिवर्तित हो जाएगा। गौना के अवसर पर बाबा विश्वनाथ की प्रतिमा को परंपरागत खादी से बनी राजसी पोशाक धारण करेंगे। गौरा के लिये बरसाने एक भक्त ने घाघरा भेजा है।
