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Big Breaking : Varanasi के युवक ने Ghazipur में प्रेमिका के साथ ट्रेन से कटकर की खुदकुशी

Varanasi (Ghazipur) : नोनहरा थाना क्षेत्र के फतेहपुर अटवा हाल्ट से 500 मीटर दूर पश्चिमी छोर पर गुरुवार की सुबह प्रेमी-प्रेमिका ने ट्रेन से कट कर जान दे दी। 8 बजे ट्रेन का इंजन वाराणसी के तरफ जा रहा था। युवक-युवती ट्रेन के आगे कूद गए। कुछ दूर पर रेलवे ट्रैक पर काम कर रहे मजदूरों ने घटना की जानकारी ग्रामीणों के साथ ही पुलिस को दी। मौके पर ग्रामीणों की भारी भीड़ जुट गई। पता चलने पर नोनहरा थाना प्रभारी बृजेश शुक्ला, आरपीएफ और जीआरपी मौके पर पहुंची। तलाशी लेने पर युवक की जेब से आधार कार्ड, प्रेम पत्र, सुखा हुआ गुलाब का फूल, यूबीआई का एटीएम कार्ड, स्विच ऑफ मोबाइल और 70 रुपए नकद बरामद मिले। आधार कार्ड के जरिए युवक की शिनाख्त किशन कुमार राजभर (17) पुत्र फूलचंद राजभर निवासी रुप्पनपुर, आशापुर (सारनाथ) के रूप हुई। वहीं, युवती की पहचान बंथरा थाना बिरनो (गाजीपुर) की रहने वाली आरती यादव के रूप में हुई। पुलिस ने युवक- युवती के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।

नोनहरा गांव के ग्रामीणों ने बताया कि युवक-युवती पिछले दो दिन से गांव में घूम रहे थें। कुछ लोगों ने उनसे नाम पता पूछा तो उन्होंने बताया कि वह बिरनो क्षेत्र में रहने वाले अपने रिश्तेदार के घर पैदल ही जा रहे हैं।

सुसाइड लेटर में बयां किया दर्द

मृत युवक के जेब से मिले प्रेम पत्र में दोनों ने अपना दर्द बयां किया है। आशापुर निवासी किशन ने मरने से पहले लिखे गए प्रेम पत्र में कहा है कि घरवाले उनके शादी करने के खिलाफ थे, कई बार घरवालों से बात करने पर जब उन्होंने सख्ती बढ़ाई तो दोनों घर छोड़कर निकल गए थें। युवती ने भी जीवन भर किशन की साथ देने की बात लिखी थी। दोनों ने साथ जीने मरने की कसम खाई थीं। प्रेमी युगल ने प्रेम पत्र में लिखा है कि उनके घरवालों ने उन्हें साथ जीने तो नहीं दिया, लेकिन मरने से नहीं रोक पाएंगे।

पढ़ाई के साथ मोटर गैरेज में काम करता था किशन

मूल रूप से सारनाथ थाना क्षेत्र के आशापुर इलाके में रहने वाला किशन राजभर गाजीपुर के बिरनो गांव में अपने रिश्तेदार के घर रह कर पढ़ाई करने के साथ मोटर गैरेज में काम करता था। पांच भाइयों में किशन सबसे छोटा था। मौजूदा समय में किशन के परिवार के लोग सारनाथ के दीनापुर इलाके में मकान बनवा कर रह रहे हैं। घटना की जानकारी होने के बाद किशन के परिजनों में कोहराम मच गया। पिता फूलचंद के साथ ही परिवार के अन्य लोग रोते बिलखते गाजीपुर के लिए निकल गए हैं।

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