Bike Rider ने हेलमेट पहनने से किया इंकार तो ओला कंपनी को जारी हुआ नोटिस: सत्या फाउंडेशन के सचिव चेतन की शिकायत पर एसीपी ट्रैफिक ने लिया संज्ञान
Varanasi : एक तरफ जहां सरकार, मीडिया व पुलिस- प्रशासन द्वारा वाराणसी की ईमेज को बेहतर करने के लाख प्रयास हो रहे हैं, वहीं कुछ लोग नियम कानून को ताक पर रख देते हैं और मना करने पर ऐसा एटिट्यूड दिखाते हैं कि आम आदमी बस तिलमिला कर चुप हो जाता है। लेकिन अगर आम आदमी हिम्मत करके शिकायत कर दे तो ठोस व त्वरित कार्यवाही भी होती है।
बिगत हो कि कल बुधवार की शाम एक सामाजिक कार्यक्रम में भाग लेने के बाद, ‘सत्या फाउंडेशन’ के सचिव चेतन उपाध्याय ने रामनगर से लंका जाने के लिए ओला बाईक बुक कराई। नियम के मुताबिक, बाईक पर पीछे बैठने वाले के लिए भी हेलमेट पहनना अनिवार्य होता है और चेतन ने भी हेलमेट लगा रखा था। ओला बाईक ड्राईवर को वन टाईम पासवर्ड (OTP) बताने के बाद चेतन उपाध्याय ने देखा कि ओला बाईक ड्राईवर ने हेलमेट नहीं पहना था और पूछने पर जवाब दिया कि उसने अपने जीवन में कभी भी हेलमेट नहीं लगाया है और आगे भी नहीं लगायेगा। इसके बाद चेतन ने उक्त बाईक की सेवा नहीं ली और ओला कंपनी के मुख्यालय को शिकायत भेज दी। इसके बाद वाराणसी ट्रैफिक पुलिस के एसीपी विकास श्रीवास्तव से फोन पर सारी घटना बतायी और उनके सीयूजी नंबर पर लिखित शिकायत भेजी जो निम्नवत है: –
“महोदय, आज मैंने वाराणसी में रामनगर से लंका थाने तक जाने के लिए ओला बाइक नंबर UP 65 BC – 2520 बुक किया लेकिन बाइक चालक अशोक सिंह ने कहा कि वह जीवन में कभी हेलमेट नहीं लगाया है और ना आगे लगाएगा. इसके बाद मैंने बाइक की सेवा नहीं ली और ओला कंपनी में भी शिकायत की और आगे की आवश्यक कार्यवाही हेतु आपको लिख रहा हूं.”
इसके बाद एक घंटे के अंदर ही, वाराणसी पुलिस कमिश्नरेट के सहायक पुलिस आयुक्त (यातायात) विकास श्रीवास्तव A.C.P. Traffic ने चेतन उपाध्याय की शिकायत का हवाला देते हुए, ओला कंपनी के मुख्यालय को कड़े शब्दों में नोटिस जारी किया है जिसमें कहा गया है कि ओला कंपनी द्वारा अपने सभी चालकों को यातायात और सड़क सुरक्षा नियमों (सीट बेल्ट, हेलमेट आदि) के प्रति जागरूक किया जाये तथा अनिवार्य रुप से नियमों का पालन करने वाले कर्मियों/चालकों को ही नियुक्त / संबद्ध करना सुनिश्चित करें। यदि भविष्य में आपके दोपहिया या चार पहिया वाहन चालकों के खिलाफ शिकायत मिली तो मोटर वाहन अधिनियम के अंतर्गत वैधानिक कार्यवाही की जायेगी।