BREAKING : पुलिस करती रह गई तलाश, कोर्ट में सरेंडर कर गए बदमाश
10 हजार रुपये के इनामियों ने न्यायालय में किया आत्मसमर्पण
Varanasi : दरोगा पर किए गए हमले और अपहरण के चर्चित मामले में दो इनामी आरोपियों ने बुधवार को पुलिस को चकमा देते हुए कोर्ट में सरेंडर कर दिया। कोर्ट ने आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया है। प्रथम न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में दोनों अभियुक्त अपने अधिवक्ता संतोष कुमार त्रिपाठी और पंकज सिंह के साथ आत्मसमर्पण करने पहुंचे। दाखिल वाद में कहा गया, लंका थाने में धारा 323, 504, 394, 307, 364 के तहत कायम मुकदमे में मिंटू यादव नामित अभियुक्त है। चंद्रशेखर यादव का नाम विवेचना के समय प्रकाश में आया। विवेचक प्रार्थीगणों के विरुद्ध धारा 82 की कार्रवाई करने के लिए न्यायालय में आवेदन प्रस्तुत किए हैं। ऐसी स्थिति में प्रार्थीगण को न्यायिक अभिरक्षा में लेना न्याय संगत होगा।
ताकि सनद रहे
याद होगा, ज्ञानवापी सुरक्षा में तैनात दरोगा आलोक कुमार सिंह ने आरोप लगाया था कि 15 अप्रैल की देर रात वह ड्यूटी से खाली हुए तो सादे कपड़ों में बाइक से अशोकपुरम कॉलोनी स्थित आवास के लिए निकले। बीएचयू के सीर गेट के पास सड़क पर पल्सर बाइक और स्कूटी सवार तीन युवकों ने बिना कुछ कहे ही उनके साथ मारपीट और गालीगलौज शुरू कर दी। तीनों ने उनके पास से 9500 रुपये और बाइक लूट ली। बाइक पर बैठाकर जबरन ले गए। वहीं, स्थानीय लोगों का कहना था कि बीएचयू ट्रॉमा सेंटर के पास दरोगा और युवकों के बीच विवाद हुआ था। विवाद के बाद लोगों के बीच मारपीट हुई थी। दरोगा ने इस मामले में संगीन धाराओं में मुकदमा कायम कराया था। एफआईआर दर्ज होने के बाद पुलिस आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए लगातर छापेमारी कर रही थी। एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने फरार तीनों आरोपियों पर 10-10 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था।