Health Varanasi 

30 जून तक चलेगा अभियान : CDO ने किया शुभारंभ, बोले- आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता लोगों जागरूक करने में निभाएं अहम भूमिका

Varanasi : आयुक्त सभागार में मंगलवार को ‘पानी नहीं, केवल स्तनपान’ अभियान का शुभारंभ मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) अभिषेक गोयल ने किया। अभियान के प्रथम दिन जनपद के समस्त विकास खंडों की बाल विकास परियोजना अधिकारी (सीडीपीओ) और सुपरवाइजर का अभिमुखीकरण किया गया।

इस दौरान अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (एसीएमओ) डॉ. एके मौर्य, जिला कार्यक्रम अधिकारी (डीपीओ) डीके सिंह और यूनीसेफ के मंडल समन्वयक अंजनी कुमार राय ने छह माह तक शिशु को सिर्फ मां का दूध के महत्व के बारे में विस्तार से बताया।

मुख्य विकास अधिकारी ने कहा कि अभियान के दौरान प्रत्येक ग्राम में सुपरवाइजर और सीडीपीओ गर्भवती-धात्री महिलाओं को स्तनपान के संबंध में प्रशिक्षित करें। इस अवसर पर पोस्टर का प्रारूप भी जारी किया गया।

उन्होंने कहा कि शासन के निर्देश के क्रम में अभियान के तहत बाल विकास सेवा और पुष्टाहार विभाग विभिन्न बैठकों में अभियान की कार्य योजना बनाए और व्यापक रूप से प्रचार-प्रसार करें।

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग संस्थागत प्रसव के प्रत्येक मामले में शिशु जन्म के बाद लाभार्थी परिवार को केवल स्तनपान पर अनिवार्य परामर्श दिया जाए। आशा कार्यकर्ता अधिक से अधिक लाभार्थी परिवारों तक परामर्श देने का प्रयास करें।

ग्राम विकास विभाग स्वयं सहायता समूह की मासिक बैठकों में अभियान के संदेशों को प्रचारित करने में मदद करें। पंचायती राज विभाग लक्षित लाभार्थियों के यहां गृह भ्रमण कर अभियान के संदेशों का प्रचार-प्रसार कराएं।

बेसिक और माध्यमिक शिक्षा विभाग सरकारी और अनुदानित विद्यालयों में अध्यापकों द्वारा अभियान के संदेशों को विद्यार्थियों के माध्यम से प्रचारित कराने में सहयोग करें। खाद्य और रसद विभाग कोटेदारों के सहयोग से अभियान के संदेशों का प्रचार-प्रसार तथा लक्षित लाभार्थियों को परामर्श दिया जाए।

डेवलपमेंट पार्टनर्स चिह्नित कार्य क्षेत्र में आईसीडीएस विभाग को प्रचार-प्रसार में सहयोग करें। सूचना, शिक्षा और संचार माध्यमों के प्रयोग से अभियान में सहभागी बनेंगे। 

एसीएमओ डॉ. एके मौर्य ने कहा कि शिशु की छह माह की आयु तक केवल स्तनपान उसके जीवन की रक्षा के लिए अत्यंत आवश्यक है, लेकिन जागरूकता की कमी से समाज में प्रचलित विभिन्न मान्यताओं व मिथकों के कारण छह माह तक केवल स्तनपान सुनिश्चित नहीं हो पाता है।

परिवार के सदस्यों द्वारा शिशु को घुट्टी, शहद, चीनी का घोल, पानी आदि का सेवन करा दिया जाता है, जिसके कारण शिशुओं में कई प्रकार के संक्रमण हो जाते हैं, जोकि शिशु के स्वस्थ जीवन के लिए घातक सिद्ध होता है। शिशु के प्यासा रहने की आशंका मे उसे पानी देने का प्रचलन गर्मियों में बढ़ जाता है।

मां के दूध में अन्य पौष्टिक तत्वों के साथ-साथ पानी भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध होता है और शिशु की पानी की आवश्यकता केवल स्तनपान से पूरी हो जाती है। अतः शिशु को छह माह तक, ऊपर से पानी देने की बिलकुल आवश्यकता नहीं होती है। ऊपर से पानी देने से शिशुओं में संक्रमण होने की सम्भावना बढ़ जाती है।

डीपीओ डीके सिंह ने बताया कि यह अभियान 30 जून तक चलेगा। अभियान के तहत आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा लोगों में छह माह तक के शिशुओं में केवल स्तनपान सुनिश्चित करना है। इसके साथ समुदाय में व्याप्त मिथक और भ्रांतियों को भी दूर किया जाएगा।

You cannot copy content of this page