किशोरी को बहला फुसलाकर कर दुष्कर्म करने का मामला : अदालत ने दोषियों को 20-20 साल की सजा और अर्थदंड सुनाई
Varanasi : विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट प्रथम) त्रिभुवन नाथ की अदालत ने किशोरी से सामूहिक दुष्कर्म में छाही सारनाथ निवासी सुनील और शंकरपुर चौबेपुर निवासी गोविंद राजभर को दोषी करार दिया। साथ ही 20-20 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई। 58-58 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। जुर्माना न देने पर दोषियों को दो-दो वर्ष की अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी पड़ेगी। अदालत ने वसूले गए जुर्माने में से 75 हजार रुपये पीड़िता को बतौर क्षतिपूर्ति देने का आदेश दिया है।
अदालत में अभियोजन की ओर से विशेष लोक अभियोजक आदित्य नारायण सिंह ने पक्ष रखा। अभियोजन पक्ष के अनुसार चौबेपुर थाना क्षेत्र निवासी वादी ने प्राथमिकी दर्ज कराई थी। उसका कहना था कि 16 वर्षीय नातिन उसके घर में रह रही थी। 28 दिसंबर 2015 को सुनील अपने साथी गोविंद राजभर के साथ उसकी नातिन को बहला-फुसलाकर कहीं ले गया। इस मामले में विवेचना के दौरान पुलिस ने दोनों अभियुक्तों को गिरफ्तार कर पीड़िता को उनके कब्जे से बरामद किया था। मेडिकल में पीड़िता से दुष्कर्म की पुष्टि हुई थी। पीड़िता ने भी सामूहिक दुष्कर्म की बात कही थी। अदालत ने साक्ष्यों को देखा और गवाहों के बयान के आधार पर दोनों दोषी ठहराते हुए सजा सुना दी।