कोर्ट के आदेश पर मुकदमा : ग्राम प्रधान, एडीओ पंचायत, सेक्रेटरी, समेत नौ के खिलाफ कई धाराओं में FIR
Varanasi : कोर्ट के आदेश पर चोलापुर ब्लाक के एडीओ पंचायत समेत नौ लोगों के खिलाफ चोलापुर थाने में मारपीट, धमकी, लूट, दलित उत्पीड़न एक्ट समेत विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ है। इनमें एडीओ पंचायत प्रमोद पाठक, सेक्रेटरी सचिन त्रिपाठी, भदवां गांव के दिनेश प्रसाद, चंद्रपाल, कन्हैया लाल, रमेश, निशा देवी, कन्हैया की पत्नी गीता देवी, दिनेश कुमार की पत्नी पूनम देवी शामिल हैं। पुलिस ने इनके खिलाफ धारा 147, 323, 504, 506, 392, 3(1) (द) अनुसूचित जाति एवं जनजाति अधिनियम 1989, 3 (1) (घ) धारा के तहत मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस रिपोर्ट दर्ज कर मामले की जांच कर रही है।
जिस मामले में चोलापुर थाने में रपट दर्ज हुई है वह घटना 27 सितम्बर 2022 की दोपहर दो बजे की बताई जाती है। भदवां गांव की दलित महिला ममता कुमारी ने कोर्ट को बताया कि अगस्त 21 में पंचायत सहायक/एकाउंट अफिसर कम डाटा इंट्री आपरेटर पद का विज्ञापन निकला था। इसमें उम्मीदवारों की शर्तों में एक शर्त यह भी थी कि जिस गांव में नियुक्ति होगी उम्मीदवार को उसी गांव का सदस्य या निवासी होना आवश्यक है। इस पद पर ममता समेत कई अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था। बाद में ममता को पता चला कि भदवां गांव के उस पद पर निशा देवी का चयन किया गया। इस पर उसने आपत्ति की। ममता का कहना था कि निशा उस गांव की निवासिनी नही थी। उसने इसकी शिकायत उच्चाधिकारियों से की लेकिन कार्रवाई नही हुई। इसके बाद प्रयागराज हाईकोर्ट में उसने रिट पेटीशन दाखिल की। रिट पेटीशन पर बहस के दौरान न्यायाधीश ने पेटीशन में निशा देवी की नियुक्ति को चैलेंज न करने पर नियुक्ति पर स्टे लगाने से मना कर दिया। इसके बाद उसने नया पेटीशन दाखिल किया। निशा की नियुक्ति को चैलेंज करने के लिए उसने एडीओ पंचायत, ग्राम प्रधान व सेक्रेटरी को कई बार प्रार्थना पत्र दिया लेकिन नियुक्ति पत्र की कापी नही दी गई। डीएम से शिकायत करने पर उन्होंने ब्लाक अधिकारियों को कड़े निर्देश देते हुए आख्या मांग ली।
आदेश के बाद चोलापुर ब्लाक से उसके मोबाइल पर फोन कर नियुक्ति पत्र की प्रति देने के लिए बुलाया गया। इसके बाद वह पति, सास, श्वसुर, चाचा, चाची के साथ दोपहर दो बजे ग्राम प्रचायत भवन भदवां पहुंची। वहां पहले से एडीओ पंचायत प्रमोद पाठक के कमरे सेक्रेटरी सचिन त्रिपाठी, ग्राम प्रधान पति दिनेश प्रसाद, चंद्रपाल, कन्हैया लाल, रमेश बैठे थे। ग्राम प्रधान पूनम देवी, निशा देवी व गीता देवी कमरे के बाहर बैठी थीं। एडीओ पंचायत ने उसे कमरे में बुलाया और डीएम से शिकायत करने हाईकोर्ट में रिट दाखिल करने की बात कहते हुए डांटने और धमकाने लगे। वहीं मौजूद सेक्रेटरी व अन्य ने जाति सूचक गालियां देकर अपमानित किया। आरोप है कि एडीओ पंचायत के ललकारने पर चंद्रपाल, दिनेश, कन्हैया और रमेश लात घूसे से मारने लगे।
बाल पकड़कर जमीन में गिरा दिया। सोने की चेन नोच ली गई। एडीओ पंचायत ने जबर्दस्ती डरा कर सादे पेपर पर लिखवाने की कोशिश की कि हमको निशा देवी का नियुक्ति पत्र नही चाहिए। निशा के खिलाफ कोई शिकायत नही करनी है। उसने नही लिखा और वहां से भागकर बाहर आई। इस दौरान उसके परिजन बाहर मौजूद थे। ममता डायल 112 पर फोन करने जा रही थी तो ग्राम प्रधान पूनम ने मोबाइल छीनकर खेत में फेंक दिया। हमलोग चोलापुर थाने जा रहे थे तो रास्ते में रोककर बाइक से गिरा दिया गया। जान से मारने की धमकी दी गई। उसने दूसरे दिन मंडलीय अस्पताल में मेडिकल कराया और थाना में प्रार्थना पत्र दिया। जब कार्रवाई नही हुई तो उसने धारा 156 (3) के तहत स्पेशल जज (एससी/एसटी) में गुहार लगाई। कोर्ट ने मामले की जांच कर कार्रवाई का आदेश दिया।