चैत्र नवरात्र का पहला दिन : मां शैलपुत्री और मुखनिर्मालिका गौरी के दरबार में जय-जयकार, दर्शन करने वालों की भोर से लगी लाइन

Varanasi : चैत्र नवरात्र के पहले दिन मां शैलपुत्री के मंदिर में दर्शन के लिए भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी। भोर से ही श्रद्धालुओं की कतार लग गयी थी। पुलिस ने सुरक्षा के खास बंदोबस्त किये हैं। सुबह से शुरू हुआ दर्शन का क्रम रात तक जारी रहेगा। अन्य देवी मंदिरों में भक्तों की भीड़ लगी थी।
चैत्र नवरात्र में गौरी और मां दुर्गा के नौ रुपों का दर्शन किया जाता है। चैत्र नवरात्र के पहले दिन माता शैलपुत्री (अलईपुरा) और मां गौरी के रुप में प्रथम मुखनिर्मालिका गौरी के दर्शन का विधान है। इनका मंदिर काशी के गायघाट स्थित हनुमान मंदिर में है। यहां भी सुबह से ही भक्तों की लाइन लगी रही।
शिव की नगरी काशी में ऐसे शक्तिपीठ है जहां पर दर्शन करने से ही सारी मनोकामना पूर्ण हो जाती हैं। इसी क्रम में मां दुर्गा के नौ रुपों के तहत चैत्र नवरात्र के पहले दिन मां शैलपुत्री के दर्शन का विधान है।

भगवती मां दुर्गा का प्रथम स्वरुप मां शैलपुत्री है। राजा हिमालय की बेटी मां शैलपुत्री के एक हाथ में पुष्प होता है तो दूसरे हाथ में अमृत कलश। मां अमृत की वर्षा करती हैं। भक्तों की सभी मनोकमाना को पूर्ण करने वाली होती है। ऐसी मान्यता है कि मां ने इसी रुप में महादेव के लिए कठोर तप किया था।

राजा दक्ष ने एक बार अपने यहां बहुत बड़ा यज्ञ किया था। सभी देवी व देवताओं को बुलाया था लेकिन शिव को इस यज्ञ के लिए आमंत्रित नहीं किया गया। इससे नाराज होकर मां अग्नि कुंड में समा जाती हैं और फिर शैलपुत्री के रुप में जन्म लेकर महादेव के लिए कठोर तप करती हैं।