काशी में फिर से होगा चंडी महायज्ञ: दुर्गाकुंड में 9 दिन तक चलेगा पाठ, आएंगे हजारों श्रद्धालु
Varanasi : नौ दिवसीय 22वां चंडी महायज्ञ दुर्गाकुंड मंदिर में 11 फरवरी से शुरू होगा। इसमें देश के अलग-अलग जगहों से बीस हजार श्रद्धालु वाराणसी आएंगे। काशी में कोरोना के कारण यह महायज्ञ तीन से नहीं हो पा रहा था। अब फिर से यज्ञ का आयोजन होगा। महायज्ञ वैदिक विद्वानों और संत-महात्माओं की देखरेख में होगी। कथा देवी महात्म्य वर्णन, दुर्गा सप्तशती पाठ सहित विविध धार्मिक अनुष्ठान आयोजित कराए जाएंगे। यह यज्ञ सुबह 7 बजे से शुरू होगा और रात 9 बजे तक चलेगा। महायज्ञ का समापन 19 फरवरी को पूर्णाहुति महाप्रसाद भंडारे और सम्मान समारोह के साथ होगा।
महायज्ञ के आयोजक और मंदिर के महंत पंडित रमेश महाराज ने बताया कि काशी में स्थापित यह अति प्राचीन आदि शक्ति मां कुष्मांडा में हर साल चंडी महायज्ञ होता है। कोविड की वजह से 3 साल तक यज्ञ के लिए प्रशासन की अनुमति नहीं मिली। अब फिर से यह शुरू हो रहा है। शास्त्रों के अनुसार, चंडी महायज्ञ लोक और मानव कल्याण के बेहद जरूरी है। इसके द्वारा मानव जीवन में शक्ति का स्रोत जागृत होता है। आयोजकों ने बताया कि 25 साल पहले काशी में 22 महायज्ञ का संकल्प लिया गया था। यह साल 2019 तक चला। इसके बाद कोविड आ गया। इन्होंने बताया कि 22 वां महायज्ञ काफी विशेष होने वाला है। इसमें 108 कलश की यात्रा निकाली जाएगी। उन्होंने कहा कि हमें यह विश्वास है कि इसमें आहुतियां ज्यादा से ज्यादा पढ़ सके। प्रतिदिन कथा चंडी पाठ देवी सप्तशती पाठ हवन यज्ञ और विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान होंगे।