हालात : ‘वैश्विक महामारी’ ने दिलाई ‘अपनी माटी’ की ‘याद’
कोविड-19 ने छीना बाहर से आने वालों का रोजगार
Neeraj singh
Varanasi: केंद्र और राज्य सरकार की मदद से बाहर कमाने गए मजदूर अपने गांव वापस लौट रहे हैं। बाहर से आने वाले मजदूरों को काफी समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। वापस लौटने वालों में से एक हाथी डीह गांव (जंसा) के रहने वाले जनार्दन पांडेय मुंबई के नाला सूपड़ा में रहकर ऑटो रिक्शा चलाते थें। वह महीने भर से अपने घर हैं। उन्होंने बताया ऑटो रिक्शा से हर महीने तकरीबन तेरह हजार रुपये की आमदनी हो जाती थी। परिवार का भरण पोषण होता था। परिवार में पत्नी गीता पाडेंय और दो बेटे हैं।
सरकार से गुजारिश
कहा, वैश्विक महामारी ने हम रोज कमाने-खाने वालों का रोजगार छीन लिया है। अनगिनत परेशानियां सामने आ रही हैं। आर्थिक संकट गहराता चला जा रहा है। उन्होंने सरकार से मांग किया कि बाहर से आए लोगों को उनके गांव में ही रोजगार उपलब्ध कराया जाए। सरकार से उन्होंने गुजारिश की है कि अगर हमें अपने गांव में रोजगार मिलेगा तो बाहर जाने की आवश्यकता नहीं होगी।