CM नीतीश ने जताया शोक : JDU नेता दीपक मेहता की गोली मारकर हत्या, जानिए Bihar में अबतक कितने नेता मारे गए
Ajit Mishra
Bihar : जदयू नेता और दानापुर नगर परिषद के उपाध्यक्ष दीपक कुमार मेहता की अपराधियों ने आज गोली मारकर हत्या कर दी। प्राप्त जानकारी के अनुसार श्री मेहता दानापुर से विधानसभा का चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे। इस दौरान उन्हें धमकी भी मिल रही थी।
उक्त घटना पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दुख व्यक्त करते हुए पुलिस से तत्काल दोषियों को पकड़ने के निर्देश दिए हैं। बिहार की राजधानी पटना से सटे दानापुर में जदयू नेता दीपक कुमार मेहता की हत्या से लोगों में भारी आक्रोश है ।बताया जा रहा है कि जिस तरह से स्थानीय पुलिस चौकी के पास अपराधियों द्वारा घटना को अंजाम दिया गया इससे अपराधियों के बुलंद हौसले का पता चलता है।
दीपक कुमार मेहता दानापुर नगर परिषद के उपाध्यक्ष थे। अपराधियों ने उन्हें छह गोलियां मारी। ज्ञात हो कि बिहार में राजनेताओं की हत्या की घटना नयी नहीं है। पहले भी स्थानीय से लेकर जिला और राज्य स्तर तक के नेताओं की हत्या की घटनाएं हुई हैं। पिछले कुछ सालों में देखें तो कई नेताओं की हत्या कर दी गई। वर्ष 1918 को देखें तो 12 मई को पटना में राजद नेता दीनानाथ की दिनदहाड़े गोली मार कर हत्या कर दी गई। इसके बाद छह जुलाई को नवादा में राजद नेता कैलाश पासवान की हत्या भी अपराधियों ने गोली मारकर कर दी थी।
16 जुलाई को सिवान में रालोसपा नेता संजय साह को हत्यारों ने गोलियों से भून दिया था। इसके बाद 13 अगस्त को रालोसपा के एक और नेता मनीष सहनी की हत्या वैशाली में कर दी गई। भोजपुर में माले नेता रमाकांत राम को 27 अगस्त को मार डाला गया। 14 सितंबर को गोपालगंज में जदयू नेता उपेंद्र सिंह की हत्या कर दी गई। मुजफ्फरपुर में वहां के कद्दावर नेता और पूर्व मेयर कांग्रेस नेता समीर कुमार को 24 सितंबर को अपराधियों ने छलनी कर दिया था।

इसके बाद रालोसपा के एक और नेता अमित भूषण की पटना में 14 नवंबर को हत्या कर दी गई। इसके बाद अपराधियों ने एक और रालोसपा नेता को निशाना बनाया। 30 नवंबर को पूूूर्वी चंपारण के प्रमोद कुशवाहा की जान ले ली। वर्ष जाते-जाते दिसंबर में पटना में भाजपा नेता और बिहार के बड़े व्यवसायी गुंजन खेमका की हत्या कर दी गई थी।
इसके पूर्व चार अक्टूबर 2020 की सुबह राजद के एससी-एसटी प्रकोष्ठ के प्रदेश सचिव रहे शक्ति मल्लिक की घर में घुसकर हत्या कर दी गई। इससे पहले पूर्णिया में ही 30 अप्रैल की रात लोजपा नेेता अनिल उरांव की गला दबाकर जान ले ली गई। सिवान में 12 जनवरी को जामो थाना क्षेत्र के सुल्तानपुर खुर्द निवासी भाजपा नेता जनार्दन सिंह पर अंधाधुंध फायरिंग कर बदमाशों ने मौत के घाट उतार दिया। 2022 में भी सिलसिला थमा नहीं। 16 फरवरी को समस्तीपुर में जदयू नेता खलील रिजवी की हत्या कर दी गई।
विपक्ष का आरोप है कि सरकार सिर्फ शराब की धड़-पकड़ पर अपना पूरा फोकस किये हुए है जिसके कारण पुलिस प्रशासन को अपराधियों पर नकेल कसने में परेशानी हो रही है। दूसरी ओर जबसे राज्य के नए डीजीपी ने अपना कार्य भार सम्भाला है। आपराधिक घटनाएं बेलगाम हो गयी हैं।