CMO व DTO ने MDR मरीजों का जाना हालचाल : कांटैक्ट ट्रेसिंग, पोषण, स्वास्थ्य, उपचार के बारे में ली जानकारी
Varanasi : राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम को गति देने के लिए जनपद में जमीनी स्तर पर कार्य किया जा रहा है। मल्टी ड्रग रेजीस्टेंट (एमडीआर) टीबी, रुग्णता (मोर्बिडिटी) को कम करने और मूलांकन पर ज़ोर दिया जा रहा है। इसी क्रम में शनिवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ संदीप चौधरी और जिला क्षय रोग अधिकारी (डीटीओ) डॉ. पीयूष राय ने दुर्गाकुंड के सराय नन्दन क्षेत्र पहुँचकर कर एमडीआर मरीजों का हालचाल जाना। इस दौरान मुख्य चिकित्सा अधिकारी और जिला क्षय रोग अधिकारी ने एमडीआर मरीजों और उनके परिजनों से मुलाक़ात की।

इसके अलावा उन परिजनों से भी मुलाक़ात की जिनके परिवार के किसी सदस्य की एमडीआर टीबी या अन्य किसी कारणवश मृत्यु हो चुकी है। एमडीआर मरीज के घर भ्रमण कर जांच,दवाएं, पोषण, स्वास्थ्य एवं उपचार आदि के बारे में जानकारी ली। इस दौरान पता चला कि जिला क्षय रोग इकाई के कर्मचारियों की ओर से मरीज के घर के लोगों की कांटैक्ट ट्रेसिंग हो चुकी थी। एमडीआर मरीजों का वजन भी इलाज शुरू होने के बाद से सात किलो बढ़ गया था और निरंतर उनके स्वास्थ्य में सुधार हो रहा है। सीएमओ ने एमडीआर मरीजों को मास्क लगाकर कार्य करने के लिए कहा। इसके अलावा दो मृत मरीजों की ऑडिट किया गया जिसमें एक शुगर एवं ब्लड प्रेशर का पुराना रोगी था। दूसरा मरीज लकड़ी की खराद का काम करता था और नशे का आदी था। दोनों मरीजों की घर के सभी सदस्यों की कांटैक्ट ट्रेसिंग हो चुकी है। क्षय रोग से बचाव के लिए सभी की टीबी प्रिवेंटिव थेरेपी (टीपीटी) चल रही है।

सीएमओ ने बताया कि जनपद में समस्त सक्रिय एमडीआर मरीजों पर स्वास्थ्य विभाग निरंतर निगरानी रख रहा है। इसके साथ ही मृत मरीजों के घर-घर जाकर मूल्यांकन किया जा रहा है। मृत मरीज के उचित कारणों के बारे में जानकारी ली जा रही है। रणनीति बनाकर कार्य योजना बनाई जा रही है जिससे भविष्य में जनपद में टीबी से होने वाली मृत्यु को रोका जा सके। सीएमओ ने कहा कि दो सप्ताह से अधिक समय से खांसी आ रही है और बलगम के साथ खून आ रहा है तो इसको नजरंदाज बिल्कुल मत करें,क्योंकि टीबी छिपाने से ही बढ़ती है। अगर लक्षण दिखने पर तुरंत जांच व उपचार नहीं किया गया तो यह अन्य को प्रभावित कर सकतीहै। इसके लिए सतर्क व जागरूक रहने की आवश्यकता है। जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया कि टीबी,एक संक्रामक रोग है,जो एक से दूसरे व्यक्ति में फैलता है। टीबी का सबसे बड़ा लक्षण खांसी और बलगम के साथ खून आना है। अगर दो सप्ताह से ज्यादा समय तक खांसी हो रही है तो ये टीबी का लक्षण हो सकते हैं। ऐसे में तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र जाकर जांच और डॉक्टर की सलाह से सम्पूर्ण उपचार लेना चाहिए।प्रारम्भिक जांच व संपूर्ण उपचार से ही टीबी को एमडीआर और एक्सडीआर स्थिति तक पहुँचने से रोका जा सकता है। इस दौरान दुर्गाकुंड एसटीएस उदय शंकर सिंह भी मौजूद रहे।