Health Varanasi 

IMI और वैक्सीनेशन को लेकर CMO की समीक्षा : 12 से 14 साल के बच्चों को शत-प्रतिशत सुई लगाने के निर्देश, दूसरी डोज से छूटे लोगों से संपर्क कर टीकाकरण कराने को कहा

Varanasi : मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय सभागार में शनिवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संदीप चौधरी की अध्यक्षता में सघन मिशन इंद्रधनुष (आईएमआई) अभियान 4.0 के प्रथम चरण व कोविड टीकाकरण की प्रगति को लेकर समीक्षा बैठक की गयी। इसके साथ ही सात अप्रैल से शुरू होने वाले आईएमआई 4.0 के दूसरे चरण की तैयारियों को लेकर भी दिशा-निर्देश भी दिये गए।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने समस्त प्रभारी चिकित्सा अधिकारी (एमओआईसी) को निर्देशित किया कि आईएमआई 4.0 के दूसरे चरण को लेकर सम्पूर्ण तैयारियां व योजना शुरू कर दें। दूसरे चरण के लिए शासन के निर्देशानुसार बच्चों-गर्भवती को सर्वे व चिन्हित कर ड्यूलिस्ट तैयार करें। इसके साथ ही माइक्रोप्लान तैयार कर ससमय जिला मुख्यालय प्रेषित करें। सीएमओ ने बताया कि पहले चरण में शत-प्रतिशत बच्चों व गर्भवती को प्रतिरक्षित कर लिया गया है। दूसरे चरण में भी सभी लक्षित लाभार्थियों को प्रतिरक्षित किया जाएगा। दूसरा चरण सात अप्रैल से शुरू होकर सात दिन तक चलेगा।

इसके अलावा मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कोविड टीकाकरण के अंतर्गत 12 से 14 साल के बच्चों के लिए एमओआईसी की समीक्षा की। सीएमओ ने इस आयु वर्ग के टीकाकरण की प्रगति पर अत्यंत नाराजगी व्यक्त की। उन्होने बताया कि 16 मार्च से शुरू हुये 12 से 14 साल के बच्चों का लक्ष्य करीब 1.55 लाख निर्धारित है जिसके सापेक्ष अभी तक केवल 2.16 प्रतिशत हासिल किया गया है। प्रदेश रैंकिंग में वाराणसी बहुत पीछे है। इसके साथ ही उन्होने कोविड टीकाकरण के अंतर्गत दूसरी डोज से छूटे हुये लोगों को फोन से संपर्क कर जल्द से जल्द शत-प्रतिशत लक्ष्य हासिल कराने का निर्देश दिया।

सीएमओ ने सभी एमओआईसी को समन्वय के साथ सात अप्रैल तक शत-प्रतिशत टीकाकरण का निर्देश दिया। इसके लिए स्कूल और सब सेंटर स्तर पर मोबिलाईजेशन करते हुये लोगों की दूसरी डोज का टीकाकरण कराएं। इसके साथ ही शिक्षा विभाग, जिला अल्पसंख्यक और कल्याण विभाग, समुदाय स्तर के धार्मिक, जन प्रतिनिधियों और व्यवसायिक नेता से सहयोग लेने के लिए निर्देशित किया।

इस दौरान जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. वीएस राय, वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉ. एके पांडेय, डब्ल्यूएचओ के एसएमओ डॉ. जयशीलन, डॉ. सतरूपा, यूनीसेफ के क्षेत्रीय समन्वयक प्रदीप विश्वकर्मा और अन्य लोग मौजूद थे।

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