पहली बार घरेलू कचरे से बना कोयला: रमना प्लांट का ट्रायल सफल, अब रोज बनेगा 200 टन कोयला
Varanasi : दो करोड़ की लागत से रमना क्षेत्र के 16 एकड़ में फैले प्लांट में कचरा डिपोजिट किया जाएगा। यह काम नवंबर 2023 में शुरू होगा। यहां रोज 600 टन सॉलिड वेस्ट से 200 टन कोयला बनाया जाएगा। वाराणसी म्यूनिस्पल कॉर्पोरेशन द्वारा सॉलिड वेस्ट को डंप किया जाएगा। उस कचरे को प्रॉसेस कर कोयला बनाया जाएगा। यह प्लांट और प्रोजेक्ट NTPC द्वारा चलाया जा रहा है। जिसका नाम है ‘वाराणसी हरित कोयला परियोजना’। सरकार ने कंपनी को फ्री में जमीन उपलब्ध कराई है। दावा यह भी है कि यह मॉडर्न प्लांट कचरों का ऐसे प्रॉसेस करेगा कि न तो प्रदूषण फैलेगा और न ही बदबू करेगा।
रमना स्थित इस प्लांट पर 4 से 7 फरवरी के बीच दूसरा ट्रायल हुआ है। पूरे 72 घंटे में 200 टन कूड़े से 70 टन कोयला बनाने में सफलता मिली है। इसके बाद योगी सरकार ने इस प्लांट के संचालन को हरी झंडी दे दी है। हालांकि, तकनीक के सफल परीक्षण के बाद प्लांट से निकले चारकोल को लैब में परीक्षण के लिए भेजा गया है। लैब टेस्ट की रिपोर्ट आने के बाद काेयले की क्वालिटी भी पता लग सकेगी। एनटीपीसी के वरिष्ठ प्रबंधक आशीष रंजन ने बताया कि पहली इकाई का परीक्षण सफल रहा है। जल्द ही अन्य इकाइयां स्थापित की जाएंगी।