काशी की रंगभरी एकादशी : बाबा काल भैरव ने भी भक्तों के साथ खेली होली, मनाया गाया अबीरोत्सव, डोला यात्रा निकाली गई, दर्जनभर तस्वीरों में देखें बनारस का मिजाज
Varanasi : औघड़दानी भूत भावन भगवान आशुतोष की नगरी में रंगभरी एकादशी से माहौल होलीयाना हो गया। श्रीकाशीविश्वनाथ माता गौरा की विदाई कराने पहुंचे। रंगभरी एकादशी से बनारसी होली की मस्ती में डूब गए।
घाट-पाट, गली-नगर, चट्टी और चौराहों पर अबीर-गुलाल उड़ने लगे। रंगभरी एकादशी पर सोमवार को काशी के कोतवाल बाबा श्रीकालभैरव ने भी भक्तों संग होली खेली। बनारसियों को होली खेलने की अनुमति दी।
हर बार की तरह इस बार भी रंगभरी एकादशी पर श्रीदत्तात्रेय जनकल्याण समिति की तरफ से महंत राजेश्वरानंद सरस्वती की अगुआई में बड़ी पियरी चौखंडीवीर स्थित ‘कोतवाल बाबा’ (श्रीकालभैरव) के मंदिर में विविध आयोजन किए गए।












महंत राजेश्वरानंद सरस्वती ने बताया कि सुबह बाबा को पंचामृत स्नान कराया गया। षोडशोपचार पूजन हुआ। सिंदूर लेपन के बाद रजत मुखौटा धारण कराकर बाबा का गेंदा, गुलाब, नीलकंठ, श्रीकांत आदि फूल-मालाओं से श्रृंगार किया गया। शाम तकरीबन 5 बजे से अबीरोत्सव के साथ बाबा का डोला यात्रा निकला।
डोला यात्रा में शामिल लोग पारंपरिक रास्तों से होकर वापस मंदिर पहुंचें। श्रीदत्तात्रेय जन कल्याण समिति की ओर से इस अवसर पर प्रसाद वितरित किया गया।
