Varanasi 

दो दिनी राष्ट्रीय समागम सम्मेलन का समापन : केंद्रीय इस्पात मंत्री आरसीपी सिंह बोले- धर्म को पर्यटन से न जोड़ा जाए

Varanasi : गया के तीर्थ पुरोहितों सहित देश के तीर्थों से जुटे तीर्थ पुरोहितों ने मंदिरों के अधिग्रहण विरोध किया। सम्मेलन का शुभारंभ विष्णु पाद पद पर महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पं. महेश चंद्र पाठक ने किया। तीर्थ पुरोहितों ने षोडशोपचार पूजन के बाद शोभायात्रा निकाला।

मुख्य अतिथि केंद्रीय इस्पात मंत्री आरसीपी सिंह थे। श्री सिंह और महेश चंद्र पाठक के द्वारा दीप प्रज्ज्वलन कर सम्मेलन की शुरुआत की गई। मंत्री के समक्ष पुरोहितों ने अपनी समस्या रखी।

महेश पाठक ने तीर्थों की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि तीर्थ और तीर्थ पुरोहित एक सूत्र हैं, जिन्हें पृथक नहीं किया जा सकता। पर्यटन एक अलग विषय है, जबकि तीर्थ अलग। इन्हें साथ में जोड़कर ही चला जा सकता है।

महामंत्री पं. कन्हैया त्रिपाठी ने अध्यक्ष के मांगों का समर्थन करते हुए मंत्री से सकारात्मक हल निकालने का अनुरोध किया। अपने उद्बोधन में केंद्रीय इस्पात मंत्री ने कहा कि सरकार का काम तीर्थों के धर्म-कर्म कराने, पूजा-पाठ कराने का नहीं बल्कि सुविधाओं का विस्तार करने का है। तीर्थ और धर्म आस्था का द्वार है, जबकि पर्यटन, मनोरंजन का इन्हें एक साथ नहीं देखा जा सकता। पर्यटन व्यापार है, मनोरंजन है।

तीर्थाटन धार्मिक कृत्य है। तीर्थाटन पर्यटन नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि हमारे देश की पहचान ऋषि, मुनि, वेद पुराण, गीता, गंगा, गायत्री से है। भारत की आत्मा पवित्र है और तीर्थ स्थल पवित्रता के घोतक हैं एवं तीर्थ पुरोहित उसके भार वाहक।

गयापाल शाखा के अध्यक्ष तीर्थ पुरोहित पं. शंकर लाल पाठक के द्वारा सभी तीर्थ पुरोहितों को अंगवस्त्रम व स्मृति चिह्न प्रदान कर स्वागत किया गया। राजन स्वीजवार व देवनारायण मेहरवार के द्वारा भोजन की व्यवस्था और दक्षिणा प्रदान किया गया।

सम्मेलन में काशी से पं. कन्हैया त्रिपाठी, मनीष नंदन मिश्र, श्याम, बाबू, राजकुमार अवस्थी, उमेश त्रिपाठी, श्रीकांत वशिष्ठ, दुष्यंत झा, अविक्षित रमण, श्रीप्रकाश मिश्र, रामकृष्ण तिवारी, अमितराज वैद्य, सतीश शुक्ला, दिलीप शुक्ला, अमर, वीरेंद्र नाथ, चन्द्र नाथ, प्रेमेंद्र नाथ, जीतेंद्र नाथ, नवीन नागर, मोहित, संजय चतुर्वेदी, मुकेश स्वामी, रमेश भारद्वाज आदि की मौजूदगी थी।

कार्यक्रम की अध्यक्षता राष्ट्रीय अध्यक्ष पं. महेश चंद्र पाठक, संचालन विनोद मेहरवार (गया), श्रीकांत वशिष्ठ (हरिद्वार) ने और धन्यवाद ऋषिकेश गुर्दा और बच्चु लाल ने ज्ञापित किया।

अगली कार्यकारिणी की बैठक मार्तण्ड तीर्थ श्रीनगर (जम्मू-कश्मीर) में जून के पहले सप्ताह में, जबकि महासम्मेलन आगामी दिसम्बर के अंतिम सप्ताह में बैजनाथ धाम (बिहार) में करने का निर्णय किया गया है।

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