बहुप्रतीक्षित रामनगर बलुआ घाट का निर्माण कार्य शुरू : मार्कण्डेय महादेव गंगा घाट की तर्ज पर 10 करोड़ की लागत से बनेगा, इतने साल में होगा तैयार
हटाई जाएगी घाट किनारे की मछली मंडी,1 साल में बनकर होगा तैयार
Varanasi : वर्षों से रामनगर के लोगों का सपना अब साकार होने जा रहा है। नगर स्थित गंगा किनारे बलुआ घाट का स्थाई पक्का निर्माण बुधवार से शुरू हो गया। रामनगर किला और रामनगर सामनेघाट पुल के पिलर के बीच 120 मीटर दूरी में यह घाट बनाया जाएगा। मार्कण्डेय महादेव गंगा घाट कैथी की तर्ज पर यहां भी पक्का घाट का निर्माण किया जाना है।
घाट के ऊपर स्थित हनुमान मंदिर से ही अप्रोच मार्ग शुरू हो जाएगा जो नीचे आते ही प्लेटफार्म और सीढ़ियों के रूप में परिवर्तित हो जाएगा। घाट के ऊपर अस्थायी रूप से लगने वाली मछली मंडी को हटा कर दो पहिया व चार पहिया वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था बनायी जाएगी। घाट निर्माण के साथ ही चेंजिंग रूम, स्टोन छतरी (गजीबो) भी बनाया जाएगा।
सूबे के पर्यटन मंत्रालय से बनने वाले इस घाट के देखरेख की जिम्मेदारी यू पी पी सी एल की है जबकि निर्माणदायी संस्था के रूप में मिर्जापुर की कम्पनी ओपी कंस्ट्रक्शन को नामित किया गया है। 10 करोड़ की लागत से बनने वाला यह घाट जून 2024 तक बनकर तैयार हो जाएगा। बुधवार को घाट पर समतलीकरण का कार्य किया गया। यू पी पी सी एल के प्रोजेक्ट मैनेजर विनय जैन ने बताया कि पहले चरण में बलुआ घाट का पक्का निर्माण कराया जाएगा। दूसरे चरण में इसके सुंदरीकरण संबंधी कार्य प्रस्तावित है लगभग एक वर्ष की समयावधि में कार्य पूर्ण कर लिया जाएगा।
नगर के लोगों को एक अर्से से इस बलुआ घाट के निर्माण का इंतजार था। 20 वर्ष पूर्व चन्दौली के तत्कालीन सांसद रामकिशुन यादव द्वारा भी पक्के घाट निर्माण की कवायद शुरू की गयी थी। 20 प्रतिशत कार्य भी पूरा हो गया था, बाद में कछुआ सेंचुरी के नाम पर वन विभाग ने आपत्ति लगायी थी। कोर्ट में मामला पहुंचा तब कोर्ट ने निर्माण कार्य पर रोक लगा दी थी तब से पक्का घाट निर्माण ठंडे बस्ते में चला गया था।