Varanasi 

Corona warriors : आंखों के समंदर से वर्दी भिगोये हैं, याद कर मां को हिचकियां भर-भर रोये हैं, Commandant नरेंद्र को जानने के बाद Salute किए बगैर नहीं रह पाएंगे आप

मां के दिवंगत होने की जानकारी मिलने के बाद भी जरूरतमंदों की मदद में लगे रहे नरेंद्र

मां के बेहद करीब और अजीज रहें हैं CRPF 95 बटालियन के कमांडेंट Narendra Pal Singh

Varanasi : CRPF 95 बटालियन के कमांडेंट नरेंद्र पाल सिंह की मां प्रेम देवी (75) का गुरुवार देर रात्री निधन हो गया। बीते कुछ महीने पहले उन्हें ब्रेन हैमरेज हुआ था। वह बीमार चल रहीं थीं। उनकी तबियत खराब हुई और बरेली के एक अस्पताल में देहांत हो गया। मुखाग्नि नरेंद्र पाल सिंह के पिता सेवानिवृत्त रेलवे अधिकारी कुंवर पाल सिंह ने दी। वह अपने पीछे एक भरा पूरा परिवार छोड़ गयीं।

कमांडेंट नरेंद्र पाल सिंह दो बहन तीन भाई और दो बहन को मिलाकर कुल पांच जन थें। लेकिन एक भाई आज से चार साल पहले इस दुनिया को अलविदा कह चुके हैं। मूलतः हाथरस के रहने वाले नरेंद्र पाल का परिवार उनके पिताजी का बरेली में तबादला होने के बाद वहीं बस गया।

मां ही नहीं, देश, समाज को भी है कमांडेंट पर नाज

जीवन में हर रिश्तों की पूर्ति है, सिवाय मां के, क्योंकि मां हैं तो जीवन पूरा, मां बिना सबकुछ अधूरा होता है। मां ही प्रथम गुरु और मां ही प्रथम ईश्वर होती हैं। मां ही आत्मबल बढ़ाती हैं, मां ही संबल देती हैं। नरेंद्र पाल सिंह पर उनकी मां बेहद नाज करती थीं। कश्मीर में आतंकवादी मुठभेड़ में जब नरेंद्र पाल सिंह को गोली लगी थी तब मां प्रेम देवी अपने बेटे को संबल देते हुए मां भारती की सेवा में जी जान लगा देने का जोश भरती रहीं। क्योंकि मां की नजरों में देश और समाज सेवा से के बाद ही कोई दूसरा काम रहा।

जब जानकारी हुई

जब कमांडेंट नरेंद्र पाल सिंह को मां के निधन की खबर मिली तो वह जड़वत हो गयें। आंखे बरस पड़ीं, मगर देश और समाज के प्रति प्रतिबद्ध नरेंद्र पाल मां की अंतिम विदाई में जाने के बजाय रोजाना की दिनचर्या यानी काशी नगरी में जरूरतमंदों को राशन और जगह-जगह सेनेटाइजेशन कराने का दिशा-निर्देशन देते रहें। कमांडेंट नरेंद्र पाल सिंह के माताजी के निधन से 95 बटालियन के सभी अधिकारियों जवानों में शोक की लहर दौड़ गयी।

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