परिवार नियोजन के लिए शुरू हुआ दंपत्ति संपर्क पखवाड़ा : 10 जुलाई तक चलेगा, 11 को मनाया जाएगा विश्व जनसंख्या दिवस
Varanasi : परिवार नियोजन का अपनाओ उपाय, लिखो तरक्की का नया अध्याय, जी हां ! इस बार विश्व जनसंख्या दिवस (11 जुलाई) की यही थीम है। इस खास दिवस और जनसंख्या स्थिरीकरण को बढ़ावा देने के लिए शासन की ओर से वृहद दिशा-निर्देश दिये गए हैं। इसके साथ ही जनपद में दंपत्ति संपर्क पखवाड़ा शुरू हो चुका है, जिसमें समुदाय को परिवार नियोजन के स्थायी और अस्थायी साधनों (बास्केट ऑफ च्वोइस) के बारे में विस्तार से जानकारी दी जाएगी। इसके बाद जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा (11 से 31 जुलाई तक) इच्छुक लाभार्थियों को सेवाएं दी जाएंगी।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संदीप चौधरी ने बताया कि गत वर्ष की भांति इस वर्ष भी विश्व जनसंख्या दिवस 11 जुलाई को मनाया जाएगा। वर्ष 2022 को आजादी के 75वीं वर्षगांठ के दृष्टिगत आजादी का अमृत महोत्सव के रूप में मनाया जा रहा है। यह अवसर है कि परिवार नियोजन कार्यक्रम से जुड़ी उपलब्धियों को जनमानस के मध्य प्रदर्शित किया जाए। इस वर्ष शासन की ओर से निर्धारित विश्व जनसंख्या दिवस की थीम का मुख्य उद्देश्य जनमानस को सीमित परिवार के बारे में जागरूक बनाने के साथ परिवार नियोजन कार्यक्रम को गति प्रदान कराना भी है। साथ ही पखवाड़े के दौरान समुदाय को संवेदीकृत किए जाने के लिए विभिन्न स्तर पर व्यापक व सघन प्रचार-प्रसार किया जाना चाहिए। विश्व जनसंख्या दिवस के तहत दो पखवाड़े आयोजित करने का निर्देश जारी किया गया है। इसमें 27 जून से 10 जुलाई तक दंपत्ति संपर्क पखवाड़ा और 11 जुलाई से 31 जुलाई तक जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा मनाया जाएगा। पखवाड़े के दौरान जनपद में सीमित परिवार और जनसंख्या स्थिरीकरण के लिए जनजागरूक गतिविधियां आयोजित की जाएंगी।
सीएमओ ने जनपदवासियों से अपील की है कि परिवार नियोजन को लेकर लोगों के व्यवहार परिवर्तन की जरूरत है। कहा कि पुरुष नसबंदी सरल, सुरक्षित और महिला नसबंदी से बेहद आसान विधि है, इसलिए योग्य और इच्छुक लाभार्थी आगे आकर इस विधि का चुनाव करें तथा इसका लाभ उठायें। नवीन गर्भ निरोधक साधनों (अंतरा व छाया) का व्यापक प्रचार-प्रसार कराया जाना चाहिये, जिससे जागरूकता आ सके।
एसीएमओ परिवार नियोजन कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ. राजेश प्रसाद ने बताया कि पखवाड़ा के दौरान जिले, ब्लाक और गांव में मोबाईल प्रचार वाहन से परिवार नियोजन (बास्केट ऑफ च्वोइस) का संदेश जोर शोर से प्रचारित और प्रसारित किया जाएगा। इस बार के कार्यक्रम में डिजिटल प्लेटफार्म जैसे व्हाट्सएप, एसएमएस आदि की पूरी मदद ली जाएगी। साथ ही पात्र लाभार्थी को दो महीने के लिए गर्भनिरोधक गोली और कंडोम वितरित किया जाएगा। सभी सरकारी चिकित्सा इकाइयों पर कंडोम पेटिका स्थापित कराई जाएगी और उसमें खपत के आधार पर नियमित कंडोम भरवाया जाएगा। हर इच्छुक लाभार्थी के लिए पुरुष या महिला नसबंदी की पूर्व पंजीकरण की भी सुविधा होगी। गर्भ निरोधक साधनों को अपनाने पर लोंगों को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार द्वारा प्रोत्साहन राशि दी जाती है।
यूपीटीएसयू के वरिष्ठ जिला परिवार नियोजन विशेषज्ञ ने बताया कि दंपति संपर्क पखवाड़े के दौरान आशा कार्यकर्ता अपने कार्य क्षेत्र की आबादी में योग्य दंपत्ति को चिन्हित करेंगी। योग्य दंपत्ति यानि जिनको परिवार नियोजन के बारे में परामर्श की आवश्यकता है। लक्षित दंपत्ति को परिवार नियोजन के लिए बास्केट ऑफ चॉइस के बारे में बताया जायेगा। इसके बाद इच्छुक लाभार्थियों को सेवाएं दी जाएंगी। उन्होंने बताया कि दो बच्चों के जन्म के बीच कम से कम तीन साल का अंतर रखना चाहिए। इससे मातृ मृत्यु-दर में 30% और शिशु मृत्यु-दर में 10% की कमी लायी जा सकती है।