Covid-19 : CM Yogi ने जिलाधिकारियों संग की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग, बोले अनुशासन से ही Corona virus का इलाज संभव, दिए ये निर्देश

वाराणसी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को अपने सरकारी आवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सभी जिलाधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि कोरोना वायरस को रोकने के लिए लागू किए गए लाॅकडाउन का सख्ती से अनुपालन सुनिश्चित किया जाए। कोरोना का फैलाव रोकने के दृष्टिगत कैंटोंमेंट एक्सरसाइज लगातार की जाए। जिन जिलों में कोरोना पाॅजिटिव केस रिपोर्ट हैं वहां सभी आवश्यक कदम उठाए जाएं। सीएम योगी ने कहा कि कोरोना प्रभावित जिलों में मौजूद संक्रमित रोगी और संदिग्धों को चिन्हित कर उन्हें आवश्यकतानुसार क्वारंटीन आइसोलेट किया जाए। संदिग्धों को इंस्टीट्यूशनल क्वारंटीन में रखा जाए। उनकी माॅनीटरिंग करते हुए उनकी सभी आवश्यकताओं की पूर्ति क्वारंटीन स्थल पर ही की जाए। संदिग्धों के सैम्पल कलेक्ट किए जाएं और उन्हें लैब भेजकर जांच कराई जाए। कोरोना प्रभावित क्षेत्र के निवासियों की सघन जांच मेडिकल टीम द्वारा की जाए। आवश्यकतानुसार संदिग्ध रोगी को क्वारंटीन किया जाए। प्रभावित क्षेत्र का सघनता से सैनिटाइजेशन भी किया जाए। आवश्यक वस्तुओं की डोर स्टेप डिलीवरी सुनिश्चित की जाए।

मुख्यमंत्री योगी ने कोरोना प्रभावित जिलों में सैंपल कलेक्शन सेंटर स्थापित करने के निर्देश दिए। उन्होंने 40 जनपदों के 410 कोरोना पाॅजिटिव रोगियों का सर्किल तय करते हुए वहां पर मेडिकल टीम द्वारा प्रभावित परिवार के साथ-साथ क्षेत्र के निवासियों की भी जांच करने के निर्देश दिए। इंस्टीट्यूशनल क्वारंटीन का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस काम के लिए एसडीआरएफ फण्ड से हर जनपद को जो धनराशि उपलब्ध करायी गयी थी, उसके माध्यम से क्वारंटीन वार्डस् की स्थापना कर वहां पर संदिग्धों को रखा जाए। इन केंद्रों पर उनके रहने, खाने, सोशल डिस्टेंस और सुरक्षा आदि की व्यवस्था की जाए। उन्होंने सभी जनपदों में कम्युनिटी किचन की व्यवस्था को सुदृढ़ करने के भी निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि प्रत्येक जनपद में कोविड के एल-1 हाॅस्पिटल स्थापित और कार्यशील हों। साथ ही, इनमें कलेक्शन सेंटर भी स्थापित किए गए हों। संकलित सैम्पल्स को प्रदेश में स्थापित 10 कोरोना लैब्स में से किसी एक लैब को भेजा जाना सुनिश्चित किया जाए। प्रत्येक जनपद से कम से कम 25 सैम्पल्स प्रतिदिन संकलित किए जाएं और जांच के लिए भेजे जाएं। उन्होंने कहा कि सैम्पल कलेक्शन और टेस्टिंग बहुत जरूरी है।

प्रत्येक जनपद में कोविड एल-2 हाॅस्पिटल की स्थापना

मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग को प्रत्येक जनपद में कोविड एल-2 हाॅस्पिटल की स्थापना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। साथ ही, यह भी सुनिश्चित करने के लिए कहा कि प्रत्येक जनपद में पर्याप्त संख्या में पीपीई, एन-95 मास्क तथा तीन लेयर मास्क मौजूद हों। उन्होंने बाहर से आने वाले संदिग्ध रोगियों को इंस्टीट्यूशनल क्वारंटीन में रखने के निर्देश दिए। उन्होंने होम क्वारंटीन की जांच करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने पुलिसकर्मियों को लाॅकडाउन को सख्ती से लागू करने और ड्रोन से निगरानी करने के लिए कहा। उन्होंने हर तरह के आयोजन रोकने के निर्देश दिए। कहा, भीड़ इकट्ठा होने पर सोशल डिस्टेन्सिंग का उद्देश्य पूरा नहीं हो पाएगा। उन्होंने लाॅकडाउन में कानून-व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त बनाए रखने के भी निर्देश दिए।

प्रत्येक पांच बेड पर एक वेण्टीलेटर अवश्य

मुख्यमंत्री ने प्रदेश के अस्पतालों में उपलब्ध वेण्टीलेटर्स को क्रियाशील करने के निर्देश दिए। आवश्यकतानुसार इनकी रिपेयरिंग सुनिश्चित करने के लिए भी कहा। उन्होंने कहा कि प्रत्येक पांच बेड पर एक वेण्टीलेटर अवश्य मौजूद हो। उन्होंने अस्पतालों में फायर सेफ्टी सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए। कहा, प्रत्येक अस्पताल की सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जाए। कोरोना को हर हाल में स्टेज-2 पर ही रोकना होगा। इसमें सोशल डिस्टेन्सिंग और आत्मानुशासन अत्यन्त कारगर होगा। उन्होंने कहा कि बाहर निकलने वाले लोग हर हाल में मास्क, गमछा, दुपट्टे इत्यादि से मुंह ढंकें, यह सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि लोगों द्वारा मुंह ढंकने के लिए रीयूजेबल ट्रिपल लेयर मास्क का प्रयोग किया जा सकता है, जिसे आवश्यकतानुसार धोया भी जा सकता है।

कोरोना से निबटने के लिए प्रशिक्षण अत्यन्त आवश्यक

कहा, कोरोना से निबटने के लिए प्रशिक्षण अत्यन्त आवश्यक है। अतः स्वास्थ्य विभाग मास्टर ट्रेनर्स को प्रशिक्षित करें, ताकि वे जनपदों में आशा, आंगनबाड़ी, पैरामेडिकल स्टाफ, एनएसएस, एनसीसी आदि के वाॅलन्टियर्स को प्रशिक्षित कर सकें। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को लाॅकडाउन की समीक्षा के लिए जिले का भ्रमण करने के भी निर्देश दिए। कहा, लाॅकडाउन का प्रभावी क्रियान्वयन अत्यन्त आवश्यक है। कोरोना वायस का इलाज अनुशासन ही है।