Varanasi धर्म-कर्म 

धर्म-कर्म : वृद्धि योग में शुरू हुई गुप्त नवरात्रि, साधकों के लिए खास होगा अवसर

षष्ठी तिथि का क्षय होने के कारण केवल आठ दिन की रहेगी यह नवरात्रि

Varanasi : गुप्त नवरात्रि का आरंभ सोमवार से हो गया। खास बात है कि गुप्त नवरात्रि वृद्धि योग में शुरू हो रही है। यह अवसर साधकों के लिए खास होगा। एस्ट्रोलॉजर पंडित लोगों का नाथ शास्त्री ने बताया कि ऐसे में ग्रह-नक्षत्रों के संयोग से साधना करने वाले गृहस्थ साधकों को सिद्धि प्राप्त करना आसान होगा। षष्ठी तिथि का क्षय होने के कारण यह नवरात्रि केवल 8 दिन की रहेगी। गुप्त नवरात्रि 22 जून से शुरू होकर 29 जून तक रहेगी। व्रत का पारण 30 जून को होगा। बताया, गुप्त नवरात्रि विशेषकर तांत्रिक क्रियाएं, शक्ति साधना, महाकाल आदि से जुड़े लोगों के लिए विशेष महत्व रखती है। देवी भगवती के साधक बेहद कठोर नियमों के साथ व्रत और साधना करते हैं। लोग लंबी साधना कर दुर्लभ शक्तियों की प्राप्ति करने का प्रयास करते हैं। गुप्त नवरात्रि साधकों के लिए विशेष है।

गुप्त शक्तियों की साधना

ज्योतिषाचार्य पंडित राकेश कुमार तिवारी ने बताया कि इस नवरात्रि में साधक गुप्त शक्तियों की साधना करते हैं। खासतौर से 10 महाविद्याओं की सिद्धि प्राप्त कर सकते हैं। देवी भागवत के अनुसार जो साधक गुप्त नवरात्रि में कम समय में 10 महाविद्याओं में से किसी भी महाविद्या की साधना करना चाहते हैं, वह इस गुप्त नवरात्रि में अनुष्ठान करें तो उन्हें जल्दी सफलता मिलेगी तथा मनोकामना पूरी होगी। बताया कि नौ दिन व्रत रखने वाले साधकों को काले कपड़े नहीं पहनने चाहिए। नमक और अनाज का सेवन नहीं करना चाहिए। दिन में सोना नहीं चाहिए। किसी को भी अपशब्द नहीं बोलना चाहिए। साधक को माता की दोनों समय आरती करना चाहिए। इन दिनों में दुर्गा चालीसा और दुर्गा सप्तशती का पाठ विशेष लाभदायी होता है।

उपवास रखने का विधान

एस्ट्रोलॉजर पंडित लोकनाथ शास्त्री के मुताबिक गुप्त नवरात्रि में नौ दिनों तक उपवास रखने का विधान बताया गया है। इस नवरात्रि में माता की आराधना रात के समय की जाती है। इन नौ दिनों के लिए कलश की स्थापना की जा सकती है। अगर कलश की स्थापना की है तो दोनों समय मंत्र जाप, दुर्गा चालीसा या दुर्गा सप्तशती का पाठ करना चाहिए।

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