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नगर निगम पहुंचे विस्थापित दुकानदार : अधिकारियों संग की बैठक, हटाए गए दुकानों की आवंटन की मांग

Varanasi : पिछले दिनों अतिक्रमण के खिलाफ चले अभियान में हटाई गई 35 गुमटियों के मामले में व्यवसायियों ने दशाश्वमेध भवन में समायोजन की मांग की है। शुक्रवार को नगर निगम मुख्यालय में व्यापारियों ने अधिकारियों के साथ बैठक में मांग उठाई। नगर निगम कार्यालय में पहुंचे दुकानदारों ने आवंटन की विसंगतियों और अपनी समस्या को रखा। इस दौरान सहायक नगर आयुक्त अमित शुक्ला ने दुकानदारों से आवंटन के लिए जल्द से जल्द आवेदन करने की अपील किया।

बैठक में चितरंजन पार्क के पास से हटाए गए दुकानदारों के साथ पहुंचे पूर्व पार्षद शंकर विशनानी ने बताया कि 1950 में पाकिस्तान छोड़कर हिंदुस्तान आए रिफ्यूजी को भारत सरकार के द्वारा वाराणसी के तमाम स्थानों पर बसाने का कार्य किया गया। विकासकार्यों को देखते हुए वाराणसी प्रशासन ने दुकानों को रंगभरी एकादशी के दिन हटा दिया। हम सभी को मुआवजे के रूप में सरकार ने दुकानें दी थी और वहां पर हम सभी अवैध रूप से काबिज थे। दुकान हटाए जाने के बाद अब जहां नगर निगम हमे बसाने की बात कह रही है वहां पर 25000 रुपए स्क्वायर फीट के हिसाब से दुकानों के दाम मांगे जा रहे है। ऐसे में एक दुकान की कीमत 8 लाख रुपए से 20 लाख रुपए तक हो रहा है। जिस प्रकार से नगर निगम दुकान आवंटित करने प्रक्रिया कर रही है वह किसी प्रकार से उचित नहीं है।
दुकानदारों की मांग है कि हमारा समायोजन किया जाए, जो लोग भी वहां पर मूल रूप से हैं उन्हें 10000 रुपए में दुकान आवंटित किया जाए। यदि कोई किराएदार है तो उसे 20000 रुपए में दुकान आवंटित किया जाए। क्योंकि ऐसा भी पहले हो चुका है कि दुकानदारों को हटाया गया और उन्हें 10000 से 20000 रुपए में दुकानें आवंटित कराई गई। सभी व्यापारी एक समान है ऐसे में जब संजय गांधी मार्केट में इस दाम पर आवंटन किया गया, तो उसी दाम में चितरंजन पार्क के पास से हटाए गए व्यापारियों को दुकानों का आवंटन कराया जाए।

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