शनिवार के दिन कर लें ये 5 उपाय, सभी बाधाओं से मिलेगी मुक्ति
सनातन धर्म में सप्ताह का प्रत्येक दिन किसी न किसी देवता को समर्पित माना जाता है। शनिवार को शनि देव की आराधना का दिन कहा जाता है। मान्यता है कि शनि देव न्याय के देवता हैं। वे प्राणियों के कर्मों के आधार पर उसके साथ न्याय करते हैं। कहते हैं कि अगर शनि देव किसी पर रुष्ट हो जाएं तो फिर उसका सर्वनाश होते देर नहीं लगती। यही वजह है कि हर कोई शनि देव को प्रसन्न करने की कोशिश में लगा रहता है। आज हम 5 ऐसे उपाय बताने जा रहे हैं, जिनका इस्तेमाल कर आप शनि देव की कृपा हासिल कर सकते हैं। आइए जानते हैं कि वे उपाय क्या हैं –
काली गाय की सेवा करें
आपकी कुंडली पर शनि का साया भारी हो रहा हो तो उसके दुष्प्रभावों को दूर करने के लिए शनिवार को काली गाय की सेवा करें। घर में बनी पहली रोटी उस गाय को खिलाएं। साथ ही उसे सिंदूर का तिलक लगाएं। इसके बाद उसके सींग में मौली बांधकर उसे मोतीचूर के लड्डू खिलाएं। ऐसा करने से शनि की कृपा मिलती है।
गले में काले धागा पहनें
शनि देव को प्रसन्न करने के लिए आप शनिवार को अपने हाथ के नाप का 29 हाथ लंबा काला धागा लेकर उसकी माला गले में पहनें। हर शनिवार को सूर्योदय से पहले वट और पीपल वृक्ष के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं। साथ ही शुद्ध कच्चा दूध और धूप भी अर्पित करें।
शनि ढैया के चमत्कारी उपाय
अगर आप पर शनि की ढैया चल रही है तो उसके शमन के लिए 8 सौ ग्राम काले तिल पानी में भिगोकर शनिवार सुबह उन्हें पीस लें। इसके बाद उस पेस्ट को गुड़ में मिलाकर 8 लड्डू बना लें। इसके बाद उन लड्डुओं को किसी काले घोड़े को खिला दें। लगातार 8 शनिवार तक ऐसा करने से शनि प्रसन्न होते हैं।
पीपल के पेड़ की करें सेवा
कुंडली में शनि की साढ़ेसाती लगने पर शनिवार को अंधेरा होने के बाद पीपल के पेड़ के पास जाएं। इसके बाद उसकी जड़ों में मीठा जल अर्पित करके सरसों के तेल का दीपक और अगरबत्ती जलाएं। साथ ही वहां बैठकर भगवान हनुमान, भैरव और शनि चालीसा का पाठ करें। इसके बाद पीपल की सात परिक्रमा कर लें।
महामृत्युंजय मंत्र का करें जाप
अगर लाइलाज बीमारियों से जूझ रहे हैं तो रोजाना महामृत्युंजय मंत्र ॐ नमः शिवाय का जाप करें। साथ ही शनिवार को घर के किसी अंधेरे भाग में लोहे की कटोरी में सरसों का तेल भरकर उसमें तांबे का सिक्का डाल दें। मान्यता है कि ऐसा करने से शनि के दुष्प्रभावों से मुक्ति मिलती है।