कोरोना वायरस के दवा की खोज : नौ शोधकर्ताओं की टीम ने DDH 2020 में अपना आइडिया किया सबमिशन, फाइटोकेमिकल्स के संभावित उपयोग के बारे में बताया…
Varanasi : सेंटर फॉर जेनेटिक डिसऑर्डर (सीजीडी) विज्ञान संस्थान बीएचयू के समन्वयक प्रोफेसर परिमल दास के नेतृत्व में नौ शोधकर्ताओं की एक शोध टीम ने भारत सरकार द्वारा आयोजित ड्रग डिस्कवरी हैकथॉन 2020 (डीडीएच 2020) प्रतियोगिता में भाग लिया था। टीम द्वारा प्रस्तुत शोध प्रतियोगिता में अपना आइडिया सबमिशन किया था। यह प्रतियोगिता इन सिलिको तकनीक के प्रयोग से कोरोना वायरस खिलाफ के दवा की खोज तथा संबंधित ‘ओपन इनोवेशन मॉडल’ स्थापित करने के बारे में थी।

सीजीडी बीएचयू की टीम द्वारा प्रस्तुत शोध विचार कोविड-19 से निपटने के लिए फाइटोकेमिकल्स के संभावित उपयोग के बारे में था। 41 विभिन्न औषधीय पौधों से लगभग 3777 फाइटोकेमिकल्स की जांच की गई। फिर SARS के साथ इंटरैक्ट करने की उनकी क्षमता का परीक्षण करने के बाद 1427 अणुओं का चयन किया गया। चयनित अणुओं पर मॉलिक्यूलर डॉकिंग के प्रयोग उपरांत अंततः निष्कर्ष निकाला गया कि दो लीड अणु जो अपनी सक्रिय साइट के साथ दृढ़ता से कोरोना वायरस से इंटरैक्ट करते हैं, जिससे वायरस के प्रोटीन 3CLpro और ORF8 की गतिविधि में बाधा उत्पन्न होने की संभावना है इन परिणामों का उपयोग उचित फॉर्मूलेशन का उपयोग करके दवाओं के विकास के लिए किया जा सकता है।
सुरक्षा परीक्षण करने के बाद उपयोग के लिए आगे बढ़ाया जा सकता है। कम टॉक्सिक, कम दुष्प्रभाव और जैव उपलब्धता को ध्यान में रखते हुए, इन यौगिकों का उपयोग करना COVID 19 महामारी के खिलाफ एक उत्कृष्ट रणनीति हो सकती है। इस टीम सीजीडी के शोधार्थी प्रशांत रंजन, चंद्रा देवी, नेहा झा, प्रशस्ती यादव, डॉ गरिमा जैन (एमपीड़ीएफ), डॉ. चंदना बसु (वैलकम ट्रस्ट फेलो), डॉ भाग्यलक्ष्मी महापात्र (एसोसिएट प्रोफेसर, जंतु विज्ञान विभाग) और डॉ.विनय सिंह (असिस्टेंट प्रोफेसर, स्कूल ऑफ़ बायोटेक्नोलॉजी) शामिल थे।