75, 70 और 65 फिट के पुतले बनाए गए : दशहरा पर जलेंगे रावण, कुंभकरण और मेघनाद, क्राउड कंट्रोल के लिए बरेका में इस बार किए गए हैं इस तरह के इंतजाम
Sanjay Singh
Varanasi : 75, 70 और 65 फिट के पुतले बनाए गए हैं। तैयारियां अंतिम दौर में हैं। दशहरा पर रावण कुंभकरण और मेघनाद जलेंगे। क्राउड कंट्रोल के लिए बरेका में इस बार पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। दशानन, कुम्भकरण व मेघनाद के पुतलों को अंतिम टच देने में कारीगर लगे हैं।
दरअसल, बरेका विजयादशमी समिति द्वारा आयोजित दशहरा मेला की तैयारी अपने अंतिम दौर में है। बरेका केन्द्रीय मैदान में लीला प्रेमियों को बैठने के लिए समिति द्वारा तकरीबन आठ हजार कुर्सियां लगाई जाती हैं।
बताते चलें कि बरेका केन्द्रीय मैदान में राम चरित मानस पर आधारित राम वन गमन से रावण वध तक का मंचन बरेका इण्टर कालेज के बच्चे और बच्चियां करती हैं।
बरेका केन्द्रीय मैदान पर सोमवार को रूपक के सभी कलाकारों ने मोनो एक्टिंग का पूर्वाभ्यास किया। मैदान में विघ्नहर्ता गणेश जी, भगवान शंकर संग मां पार्वती और मां दुर्गा का आसन तकरीबन नौ फिट ऊंचा बनाया गया है। पंचवटी, किष्किंधा, शबरी आश्रम, अशोक वाटिका व लंका बनाया जा रहा है।
विजयादशमी समिति ने लीलाप्रेमियों को मैदान में बैठकर लीला देखने के लिए चार रंगों का पास वितरित किया है जो निम्न हैं- सफेद रंग के पास धारकों को केन्द्रीय मैदान के मेन गेट से प्रवेश दिया जाएगा।
लाल रंग के पास धारकों को बास्केटबॉल कोर्ट के तरफ से प्रवेश होगा। हरे व पीले रंगो के पास धारकों को प्रशासनिक भवन के तरफ बने गेट से प्रवेश दिया जाएगा। मैदान के पूरब दिशा में बने गेट व सिनेमा हॉल के पूरब में बना गेट लोगों के लिए खुला रहेगा।
बरेका दशहरा मेला में दशानन, कुम्भकरण व मेघनाद के पुतलों का निर्माण शमशाद खान द्वारा किया जाता है। इस बार दशानन, कुम्भकरण व मेघनाद का पुतला क्रमशः 75, 70 और 65 फिट बनाया गया है। शमसाद खान ने बताया कि तीनों पुतलों में तकरीबन 150 पटाखा लगाया जायेगा।
बरेका दशहरा मेला में बुराई पर अच्छाई की जीत, असत्य पर सत्य की विजय के खुशी में तकरीबन एक घंटे तक अद्भुत आतिशबाजी का नजारा देखने को मिलता है।



