आंगनबाड़ी केंद्रों पर पोषण भी और पढ़ाई भी पर जोर : बाल पिटारा ऐप से होगी ऑनलाइन पढ़ाई, CM Yogi ने लांच किए दोनों ऐप
Varanasi : वाराणसी सहित पूरे प्रदेश में शुक्रवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोकभवन लखनऊ में राष्ट्रीय पोषण माह के अंतर्गत आंगनबाड़ी केंद्रों का शिलान्यास एवं लोकार्पण किया।
इसके साथ ही उन्होने ‘सक्षम’ व ‘सशक्त आंगनबाड़ी’ पुस्तिका का विमोचन किया। आंगनबाड़ी केन्द्रों के पर्यवेक्षण के लिए ‘सहयोग’ ऐप तथा बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई के लिए ‘बाल पिटारा’ एप की लांचिंग भी की।
कार्यक्रम का सीधा प्रसारण विकास भवन कार्यालय में बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी (डीपीओ) डीके सिंह सहित बाल विकास परियोजना अधिकारी व क्षेत्रीय मुख्य सेविकाओं ने देखा।
डीपीओ ने बताया कि बाल पिटारा एप के माध्यम से आंगनबाड़ी केंद्र में पढ़ने वाले नन्हे-मुन्ने बच्चों को आनलाइन पढ़ाया जाएगा। इस एप्लीकेशन से बच्चों को कविता, कहानी, भावगीत आदि के माध्यम से ज्ञानवर्धक बातें सिखायी जाएंगी। इस ऐप को अभिभावक अपने मोबाइल में भी अपलोड कर सकते हैं। इसके माध्यम से वह घर पर भी बच्चों को पढ़ा सकते हैं। इस तरह से पढ़ाई करने से बच्चों में रूझान बढ़ेगा।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को अभिभावकों के एंड्रायड मोबाइल फोन में इस ऐप को अपलोड कराने की जिम्मेदारी सौंपी गई है जिससे माता-पिता खाली समय में बच्चों को पढ़ा सकें। इसमें हिंदी, गणित समेत नैतिक शिक्षा के जुड़े संदर्भों को शामिल किया गया है।
डीपीओ ने बताया कि बाल पिटारा ऐप में कई कहानियां व कविताएं अपलोड की गईं हैं। अभिभावक बच्चों को कहानी व कविता याद कराएंगे। नैतिक शिक्षा से जुड़ी कहानियों व कविताओं से बच्चों की जानकारी बढ़ेगी। साथ ही उनका मनोरंजन भी होगा।
इसके साथ ही एप में दैनिक गतिविधियां भी अपलोड की गईं हैं। जैसे सुबह उठकर मुंह धोना, दांत साफ करने, खाना खाने से पहले और बाद में हाथ धोने के साथ ही दिनचर्या और शिक्षण कार्य से जुड़ी अच्छी आदतें, जो बच्चे खेल-खेल में सीखेंगे। विभाग ने इस एप के सफल होने की उम्मीद जताई है।
सहयोग ऐप के जरिये आंगनबाड़ी केन्द्रों का पर्यवेक्षण जिला कार्यक्रम अधिकारी, सीडीपीओ और मुख्य सेविका द्वारा समय-समय पर किया जाएगा। अधिकारियों द्वारा निरीक्षण के दौरान एप के खुलते ही संबन्धित आंगनबाड़ी केंद्र का समस्त डाटा व जानकारी स्वतः प्रदर्शित होने लगेगी जिससे निरीक्षण व पर्यवेक्षण की प्रक्रिया बेहद आसान हो जाएगी।