Breaking Varanasi उत्तर प्रदेश ऑन द स्पॉट 

ऑर्गेनिक और प्राकृतिक खेती पर जोर: दो दिवसीय किसान मेला एवं कृषि उद्योग प्रदर्शनी का शुभारंभ

Varanasi : आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, कुमारगंज, अयोध्या के अन्तर्गत संचालित कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा गुरुवार को फसल अवशेष प्रबंधन परियोजना के अन्तर्गत दो दिवसीय किसान मेला एवं कृषि उद्योग प्रदर्शनी का उद्घाटन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि विधायक रोहनिया सुनील पटेल व विधायक प्रतिनिधि सेवापुरी वंशराज पटेल की उपस्थिति में संपन्न हुआ। केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ. नरेंद्र रघुबंशी ने कार्यक्रम में अतिथियों का स्वागत करते हुए केंद्र की गतिविधियों पर विस्तार से बात रखी।

कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित रोहनिया विधायक सुनील पटेल ने कहा की विगत एक दशक से खेती में मशीनों का प्रयोग बढ़ा है। साथ ही खेतीहर मजदूरों की कमी की वजह से भी यह एक आवश्यकता बन गई है। ऐसे में कटाई व गहराई के लिए कंबाईन हार्वेस्टर का प्रचलन बहुत तेजी से बढ़ा है, जिसकी वजह से भारी मात्रा में फसल अवशेष खेत में पड़ा रह जाता है। जिसका समुचित प्रबन्धन एक चुनौती है। किसान अपनी सहुलियत के लिए इसे जलाकर प्रबन्धन करते हैं। इसके पीछे किसानों के अपने तर्क हैं। उनका कहना है कि कुछ फसलें जैसे कि धान-गेहूँ के फाने जल्दी मिट्टी में गलते नहीं हैं। साथ ही धान की रोपाई के समय खेत के किनारों पर इकट्ठे होने से मजदूरों के पैरों में चुभते हैं। उन्होंने फ़सल अवशेष को न जलाने की सलाह दी।

विशिष्ठ अतिथि के रूप में उपस्थित डॉ. वंशराज पटेल ने किसानों को संबोधित करते अलग से अवशेष प्रबन्धन में धन, मजदूर, समय आदि की आवश्यकता होती है और दो फसलों के बीच उपयुक्त समय के अभाव की वजह से भी वे ऐसा करने के लिए बाध्य हैं। उन्होंने कहा कि फसल अवशेषों को जला देने से खेत साफ होता है। परन्तु इस तरह फसल अवशेष प्रबन्धन, खेत की मिट्टी, वातावरण व मनुष्य एवं पशुओं के स्वास्थ्य के लिए कितना घातक है इसका अंदाजा आज भी किसानों को नहीं है। उन्होंने कहा की रसायनों के अधिकतर इस्तेमाल से कैंसर के मरीजों की संख्या दिन पर दिन बढ़ती जा रही है ऐसे में ऑर्गेनिक और प्राकृतिक खेती पर जोर देने की आवश्यकता है। धन्यवाद ज्ञापन के केंद्र के प्रसार वैज्ञानिक डॉ. राहुल सिंह ने किया। इस अवसर पर केंद्र के वैज्ञानिक डॉ. अमितेश, श्रीप्रकाश, डॉ. मनीष, डॉ. प्रतीक्षा, राणा पियूष, अरविंद, कृष्णा, अशोक, नागेंद्र, मिथून सहित उन्नतशील किसान कमलेश, इंद्रसेन सिंह सहित तमाम किसान व विद्यार्थी उपस्थित रहे।

You cannot copy content of this page