गंगा में बढ़ाव जारी, फिर पलायन की तैयारी : तटवर्ती इलाकों में दहशत, लाखों नागरिकों की बढ़ी परेशानी
Varanasi : डैम से छोड़े गए पानी और पहाड़ी इलाकों में हुई बारिश से बनारस में गंगा तीसरी बार उफान पर है। जलस्तर में तेजी से बढ़ोतरी के चलते घाट की सीढ़ियां डूब गई हैं और तटवर्ती इलाकों में फिर पानी भरना शुरू हो गया है। बढ़ते जलस्तर के कारण एक बार फिर नाव संचालन पर रोक लग गई है। इससे नाव संचालन से जुड़े लगभग दो हजार लोग एक बार फिर बेरोजगार हो गए हैं। केंद्रीय जल आयोग के अनुसार बुधवार दोपहर 12 बजे तक गंगा का जलस्तर 66.31 मीटर दर्ज किया गया। जलस्तर में एक सेंटीमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से बढ़ाव जारी है।
सफाई की लागत पर पानी फिरा
कुछ हफ्ते पहले बाढ़ से गंगा किनारे स्थित 85 से अधिक घाटों की सीढ़ियां डूब गई थीं। बाढ़ उतरने के बाद सीढ़यों, घाटों और गंगा तटों पर कीचड़, गाद, जलकुम्भी और खर-पतवार जम गए थे। सैलानियों को हो रही परेशानी को देखते हुए नगर निगम ने डीजल पम्पों की सहायता से घाटों की सफाई कराई थी। दो दर्जन घाट व सीढिय़ों से सफाई के बाद अब दोबारा बाढ़ ने दस्तक दे दी है।
वरुणा में भरने लगा पानी
गत रविवार, सोमवार और मंगलवार रात को अधिक बारिश होने से वरुणा नदी में भी पानी बढ़ने लगा है। यह पानी फैलकर आसपास के इलाकों में भरने लगा है। शहर में स्थित शास्त्री घाट की सीढ़ियां भी डूबने लगी हैं। नीचले इलाकों में पानी भरने के डर से यहां रहने वाले लोग पुल के पाथवे पर शरण लेने लगे हैैं।
शव दाह करने में बढ़ी दिक्कत
गंगा के बढ़ते जल स्तर के कारण शव दाह करने आए लोगों को भी परेशान होना पड़ रहा है। रविवार से गंगा में शुरु हुए बढ़ाओ ने मंगलवार शाम तक महा शमशान और हरिश्चंद्र घाट की आधी सीढ़ियों को जलमंग्न कर दिया था। इसके कारण शव दाह करने में गोलों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। वहीं शाम के वक्त हुई बारिश ने लोगों की दुश्वारियां और बढ़ा दी। बता दें कि अस्सी घाट का आरती स्थल फिर से बदलकर 3 सीढ़ी ऊपर कर दिया गया है। वहीं, घाटों पर स्नान-धान करने में लोगों को दिक्कतें आ रहीं। वाराणसी पुलिस ने गंगा में नौका संचालन पर पूरी तरह से रोक लगा दिया है।