कम लागत में अधिक उत्पादन बढ़ाने की तकनीक सीख रहे किसान : उगापुर और बहरामपुर में हुआ जैविक खेती का प्रशिक्षण
Varanasi : खेती में उत्पादन लागत को करके अधिक उत्पादन लेना है तो हमें गो आधारित जीरो बजट प्राकृतिक खेती को अपनाना होगा। प्राकृतिक खेती से न सिर्फ मिट्टी की सेहत मे सुधार होगा बल्कि विषमुक्त व गुणवत्तायुक्त खाद्यान्न का उत्पादन भी संभव हो सकेगा। उक्त बातें जैविक खेती के मास्टर ट्रेनर देवमणि त्रिपाठी ने गुरुवार को उगापुर व बहरामपुर पंचायत भवन पर आयोजित जैविक खेती कृषक प्रशिक्षण मे उपस्थित किसानों के बीच कहीं।
उन्होंने कहा सिर्फ एक देशी गाय से ही तीस एकड़ खेती सम्भव हो सकती है। आवश्यकता है तो सिर्फ जागरूकता के साथ खेती की ऐसी नवीनतम तकनीक को अपनाने की। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए उगापुर के ग्राम प्रधान रामसूरत यादव ने किसानों से जैविक खेती अपनाने की अपील की।
उप कृषि निदेशक अखिलेश कुमार सिंह के निर्देश पर नमामि गंगे योजनान्तर्गत कृषि विभाग व इश एग्रीटेक के संयुक्त तत्वावधान मे किसान बीते 15 दिनो से खेती की लागत कम करके उत्पादन बढ़ाने की तकनीक सीख रहे हैं।
नमामि गंगे योजना के प्रोजेक्ट हेड स्वामी शरण कुशवाहा ने कहा कि देसी गाय आधारित जैविक खेती को अपनाने से फसलों पर प्राकृतिक आपदा व बीमारियों का प्रकोप बहुय कम होता है जिससे फसलें सुरक्षित रहती हैं। फसल सुरक्षा पर अनावश्यक खर्च भी नही करना पड़ता। इस दौरान, जगदीश, अभिषेक पाण्डेय, वृजेंद्र सिंह, संदीप प्रजापति, किशन गुप्ता आदि मौजूद थे।