काशी कांची महोत्सव का चौथा दिन : काशीपुराधीश्वरी मां अन्नपूर्णा का दिव्य मंत्राभिषेक, शिवपार्वती विवाह का आयोजन
Varanasi : भगवान शिव की नगरी काशी में हनुमान घाट स्थित श्रीकाशी कांची कामकोठी मठ में वैदिक रीति-रिवाज से चल रहे सात दिवसीय काशी कांची महोत्सव में कांची कामकोठी पीठम द्वारा संचालित देश के विभिन्न भागों के वेद विद्यार्थियों द्वारा रोज दर्शनीय देवालयों में पूजन-अर्चन किए जा रहे हैं।
महोत्सव के चौथे दिन शुक्रवार को नव गौरी और नव दुर्गा में प्रमुख काशी की अधिष्ठात्री मां अन्नपूर्णा के प्रांगण में कांची से आए 108 बटुकों ने महारुद्र का जप और भगवती अन्नपूर्णा का अभिषेक किया।
षोड्षोपचार पूजन अन्नपूर्णा मंदिर के महंत शंकरपुरी के निर्देशानुसार संपन्न हुआ। ऐसी मान्यता है कि मां अन्नपूर्णा की कृपा से कोई भी व्यक्ति भूखा नहीं सोता। मां अन्नपूर्णा पश्चिमाभिमुख होकर सभी को अपने आशीर्वाद से अनुग्रह करती हैं। अन्नपूर्णा का 51 शक्ति पीठों में स्थान है, इसलिए इन्हें भवानी के नाम से भी जाना जाता है।

इससे पूर्व में काशी कांची शंकराचार्य मठ में शिवपार्वती विवाह का कार्यक्रम संपन्न हुआ, जिसमें अधिक संख्या में भक्तों ने उत्साह के साथ भाग लिया। कांची से पधारे हुए वैदिक विद्वान गोपाल कृष्ण दीक्षित ने कहा कि हर व्यक्ति काशी आने की इच्छा रखता है। मां गंगा उत्तरवाहिनी होने के कारण काशी को तीर्थ होने का गौरव प्राप्त है।
काशी में किया हुआ जप, तप, दान और धर्म का अनुसरण करने मात्र से व्यक्ति अंनत पुण्य को प्राप्त करता है। इसलिए धर्मावलंबी काशी आने को आतुर रहते हैं।


उन्होंने कहा कि व्यक्ति को अपने जीवन-काल में एक बार काशी अवश्य आना चाहिए। कांची महोत्सव का संयोजन वी.एस. सुब्रमण्यम मणि द्वारा किया जा रहा है।