#GangaDashhara2020 : लोगों ने सादगी से मनाया गंगा दशहरा का पर्व, सुरधुनि के तट पर पसरा रहा सन्नाटा
भक्तों ने गंगा में नहीं लगाई डुबकी, एहतियातन तैनात की गई थी फोर्स
Varanasi : कोरोना संक्रमण के चलते केंद्र सरकार ने 30 जून तक लॉकडाउन 5.0 का एलान करने के साथ ही अनलॉक 1.0 की भी घोषणा की है। सख्ती के साथ ही रियायतें भी बढ़ी हैं। लॉकडाउन के चलते सोमवार को पड़ा पावन पर्व गंगा दशहरा लोगों ने घरों में ही रहकर श्रद्धा, भक्ति और सादगी के साथ मनाया। धर्म की नगरी काशी में ऐसा पहली बार हुआ कि गंगा दशहरा पर भक्तों ने मां गंगा में डुबकी नहीं लगाई।
लॉकडाउन के चलते डीएम कौशलराज शर्मा में पूर्व में ही गंगा दशहरा के मौके पर गंगा नदी या अन्य किसी भी सरोवर या तालाब में स्नान करने को लेकर रोक लगा दिया था। जिसके बाद लगातार पुलिस गंगा से लेकर सड़कों तक गंगा स्नान करने पहुंचने वालों या फिर बेवजह गंगा घाट पर टहलने वालों पर कड़ाई करती दिखाई दे रही थी। सोमवार को काशी के घाटों पे स्नान के लिए कुछ भक्त पहुंचने का प्रयास भी किये तो पुलिस ने गोदौलिया चौराहा पर ही उन्हें रोक दिया और घाटों तक नहीं जाने दिया।
विश्व प्रसिद्ध दशाश्वमेध घाट पर जहां आज के दिन लाखों की भीड़ जुटती थी वहां बिल्कुल सन्नाटा पसरा हुआ था। दशाश्वमेध घाट सहित विभिन्न घाटों पर यूपी पुलिस सहित आरएएफ के जवान तैनात किए गए थे। किसी को भी स्नान और पूजन की अनुमति नहीं दी गई। इंस्पेक्टर दशाश्वमेध सिद्धार्थ मिश्रा गंगा घाटों पर फोर्स के साथ लगातार गस्त कर रहे थे।
इतिहास में पहली बार
लोगों का कहना ये इतिहास में पहली बार देखने को मिल रहा है। मां गंगा का उत्पत्ति दिवस वैसे आस्थान बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है। धर्म की नगरी काशी में आज के दिन हर साल लाखों की भीड़ घाटों पर होती थी। हर घाट भीड़ से पूरी तरह से पटा नजर आता था लेकिन आज हर तरफ सन्नाटा है। सन्नाटा ऐसा कि मानो जैसे कर्फ्यू लगा हो।
मान्यता
भागीरथ के पूर्वजों को तारने के लिए मां गंगा लंबा सफर तय करते हुए जेष्ठ शुक्ल प्रतिपदा से लेकर जेष्ठ शुक्ल दशमी 10 दिनों में हिमालय से होते हुए गंगासागर तक गई। गंगा दशहरा के इस महत्वपूर्ण मौके पर मां गंगा की पृथ्वी पर आने के दिवस के रूप में मनाया जाता है।



