बालिकाओं और महिलाओं को अपने हक व अधिकार को समझने की जरूरत : अपर जिला जज
Varanasi News : अपर जिला जज (फैमिली कोर्ट) अंकिता दूबे ने कहाकि महिलाओं व बालिकाओं को संविधान समानता का अधिकार देता है। उन्हें अपने हक व अधिकार को समझना होगा। किसी भी तरह के उत्पीड़न पर कानून का सहारा लेना चाहिये। उक्त बातें शुक्रवार को पिंडरा तहसील के सभागार में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वाधान में महिलाओं और बालिकाओं के हित संरक्षण, कानूनी सम्बधी साक्षरता एवं जागरूकता शिविर के दौरान कही।

इस दौरान उन्होंने कहाकि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14 के अनुसार स्त्री व पुरुष के लिंग के आधार पर कोई भेदभाव नही होना चाहिये। यदि ऐसा होता है तो इसके लिए कानून बना है। उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराए। उन्होंने बालिकाओं व महिलाओं को संबोधित करते हुए कहाकि यौन उत्पीड़न, कार्यस्थल पर छेड़छाड़ पर शिकायत कर सकती हैं। इसके लिए पीड़ित महिला का बयान महिला अधिकारी द्वारा ही लिया जाएगा। अपर जिला जज ने घरेलू हिंसा , मातृत्व सम्बधी लाभ के बाबत विधिवत जानकारी दी।

वहीं अपर जिला जज / जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव विजय कुमार विश्वकर्मा ने कहाकि महिलाओं और बालिकाओं के लिए तमाम ऐसे कानून बने है जिससे उनका संरक्षण व क्षतिपूर्ति मिल सके। बस उन्हें अपने अधिकार के प्रति सजग होना होगा। ग्राम न्यायालय पिंडरा के जज सत्यम सिंघल ने कहाकि ग्राम न्यायालय एक ऐसा न्यायालय है जिसमें 25 हजार मालियत वाले सभी तरह के सुनवाई होती है। छोटे छोटे अपराधिक मामले की भी सुनवाई होती है। इस न्यायालय का गठन ही ग्रामीण महिलाओं के हितों को देखकर की गई है।

वहीं एसडीएम पिंडरा प्रतिभा मिश्रा ने कहाकि बालिकाएं डरे नही, बल्कि जागरूक हो और अपने ऊपर हो रहे अत्याचार व उत्पीड़न के विरोध में उतरे। कानून उनके साथ है। इस दौरान मालवीय कैंसर संस्थान की चिकित्सक डॉ रुचि पाठक ने भी उन्हें जागरूक करते हुए कहाकि सम्मान व शरीर के साथ कभी समझौता न करने की नसीहत देते हुए कैंसर बीमारी के बाबत विस्तृत जानकारी दी।

वही शिविर को वुमेन हेल्पलाइन नंबर, नेशनल इमरजेंसी नम्बर के साथ स्थानीय प्रशासन व पुलिस अधिकारियों के सीयूजी नम्बर दिए गए।जागरूक शिविर को तहसीलदार विकास पांडेय, नायब तहसीलदार श्वेता सिंह पटेल, डिप्टी लीगल एन्ड डिफेन्स कॉउंसिल के आशीष भाटला, शीतल पाठक व रजनीश कुमार सम्बोधित कर अधिकारों के बाबत जानकारी दी।