काशी रेलवे स्टेशन पर दिखेगी विश्वनाथ धाम की झलक : कायाकल्प के लिए वित्त विभाग ने लगाई मुहर, इतने का है बजट
Varanasi : काशी रेलवे स्टेशन को दिव्य, भव्य व नया स्वरूप बनाने की DPR मंजूर हो गई है। रेलवे के वित्त विभाग के मुताबिक, इस पर 366 करोड़ रुपये खर्च हाेंगे। यह स्टेशन आध्यात्मिक नगरी काशी की धार्मिक व सांस्कृतिक पहचान को दर्शाएगा। सब कुछ ठीक रहा तो इंटर मॉडल स्टेशन काशी की विस्तृत कार्ययोजना का शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। इसी चैत्र नवरात्रि में आधारशिला रखी जा सकती है। अप्रैल से निर्माण कार्य शुरू हो सकता है। मां गंगा और वरुणा के संगम पर स्थित काशी रेलवे स्टेशन जल्द ही देवाधिदेव महादेव के भव्य धाम जैसा दमकेगा। प्रशासनिक प्रक्रिया पूरी होने के बाद स्टेशन के पहले और दूसरे द्वार को भव्य बनाया जाएगा। रेलवे प्रशासन के मुताबिक, काशी रेलवे स्टेशन के आंतरिक और बाहरी हिस्से को काशी विश्वनाथ धाम जैसा बनाया जाएगा। इसकी डिजाइन और डीपीआर को रेलवे के वित्त विभाग ने मंजूरी दे दी है। अब रिपोर्ट रेलवे बोर्ड के पास भेजी जाएगी। बोर्ड की औपचारिक मुहर के साथ ही निर्माण कार्य शुरू होगा। इंटर माॅडल स्टेशन शिलान्यास के बाद 30 महीने में बनकर तैयार हो जाएगा। इस स्टेशन का पुनर्निर्माण होगा। रेलवे स्टेशन आधुनिक यात्री सुविधाओं से लैस होगा। स्टेशन के कायाकल्प के बाद तस्वीर बदल जाएगी। ट्रेनें 130 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चलाई जा सकेंगी।
प्रदर्शित होगी काशी की विशेषता
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में रेल यातायात के क्षेत्र में एक बड़ी परियोजना को आकार देने की तैयारी चल रही है। उप मुख्य अभियंता एसवी मलिक के मुताबिक, काशी रेलवे स्टेशन और उसके आसपास 3 मंजिला इंटर मॉडल स्टेशन बनाने का प्रस्ताव है। स्टेशन पर प्रमुख उत्पाद, पहचान को समर्पित कला और कलाकार से संबंधित जानकारी उपलब्ध रहेगी। काशी की विशेषता भी प्रदर्शित की जाएगी।
होटल भी बनेंगे, यात्री सुविधाएं होंगी खास
स्टेशन पर ही पांच सितारा और सामान्य श्रेणी के होटल बनाने के प्रस्ताव भी हैं। अधिकारियों के मुताबिक इंटर माॅडल स्टेशन को सड़क से जोड़ने के लिए नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) ने भी डीपीआर बनाई है। मालवीय ब्रिज के समानांतर डबल डेकर पुल बन जाने गंगा के पूरब से पश्चिम की दूरी भी घट जाएगी। दोनों प्रवेश द्वार को जोड़कर कॉनकोर्स बनाया जाएग। यात्री सीधे प्लेटफार्म पर जाने के बजाय टिकट लेकर कॉनकोर्स पर जाएंगे। यहां यात्रियों की सुविधा के लिए ट्रेनों की आवाजाही से जुड़ी सूचनाएं प्रसारित की जाएंगी। डिस्प्ले बोर्ड लगाए जाएंगे। सटीक जानकारी मिलने के बाद यात्री स्वचालित सीढि़यों से चलकर प्लेटफार्म तक जाएंगे।