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Guest column : क्या है Corona virus, जानिए लक्षण और बचाव का तरीका

चीन के वूहान शहर से उत्पन्न होने वाला 2019 नोवेल कोरोना वायरस इसी समूह के वायरसों का एक उदहारण है, जिसका संक्रमण सन 2019-20 काल में तेजी से उभरकर 2019-20 वुहान कोरोना वायरस प्रकोप के रूप में फैलता जा रहा है। हाल ही में WHO ने इसका नाम COVID-19 रखा। लैटिन भाषा में कोरोना का अर्थ मुकुट होता है और इस वायरस के कणों के इर्द-गिर्द उभरे हुए कांटे जैसे ढांचों से इलेक्ट्रान सूक्षमदर्शी में मुकुट जैसा आकार दिखता है, जिस पर इसका नाम रखा गया।

ज्यादातर लोग जो चीन शहर के केंद्र में स्थित हुआनन सीफूड होलसेल मार्केट में खरीदारी के लिए आते हैं या फिर अक्सर काम करने वाले लोग जो जीवित या नव वध किए गए जानवरों को बेचते थे जो इस वायरस से संक्रमित थे चूंकि यह वुहान, चीन से शुरु हुआ, इसलिये इसे वुहान कोरोना वायरस के नाम से भी जाना जाता है। हालांकि डब्ल्यूएचओ ने इसका नाम सार्स-कोव-2 (SARS-CoV2) रखा है।

ये बड़े गोलाकार कणों के रूप में होते हैं। वायरस के कणों का व्यास लगभग 120 नैनोमीटर होता है। वायरल कैप्सूल में एक लिपिड बाईलेयर होती है। जहां मेम्ब्रेन (झिल्ली), आवरण, और स्पाइक संरचनात्मक प्रोटीन डले होते हैं। कोरोना वायरस का एक उपसमूह (विशेष रूप से betacoronavirus उपसमूह A के सदस्य) हेमग्लगुटिनिन एस्टरेज नामक एक छोटा स्पाइक जैसी सतह भी प्रोटीन है।

कैप्सूल के अंदर न्यूक्लियोकैप्सिड होते है, जो कि न्यूक्लियोकैप्सिड (एन) प्रोटीन की कई प्रतियों से बनता है। ये RNA युक्त विषाणु होते हैं। जब यह होस्ट सेल के बाहर होता है तो लिपिड बाईलेयर कैप्सूल, झिल्ली प्रोटीन और न्यूक्लियोकैप्सिड वायरस की रक्षा करते हैं। इस विषाणु में एकल आरएनए युक्त जीनोम पाया जाता है। कोरोना वायरस के जीनोम का आकार लगभग 27 से 34 किलोबेस तक होता है।

कोरोना वायरस के लक्षण और बचाव के तरीके

कोरोना वायरस का मुख्य लक्षण तेज बुखार है। बच्चों और वयस्कों में अगर 100 डिग्री फारेनहाइट (37.7 डिग्री सेल्सियस) या इससे ऊपर पहुंचता है तभी यह चिंता का विषय है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक कोरोना वायरस से संक्रमित होने पर 88 फीसदी को बुखार, 68 फीसदी को खांसी और कफ, 38 फीसदी को थकान, 18 फीसदी को सांस लेने में तकलीफ, 14 फीसदी को शरीर और सिर में दर्द, 11फीसदी को ठंड लगना और 4 फीसदी में डायरिया के लक्षण दिखते हैं।

रनिंग नोज यानी नाक बहना कोरोना वायरस का लक्षण नहीं माना जा रहा

डब्लूएचओ के मुताबिक, बुखार, खांसी और सांस लेने में तकलीफ इसके लक्षण हैं। अब तक इस वायरस को फैलने से रोकने वाला कोई टीका नहीं बना है। इसके लक्षण फ्लू से मिलते-जुलते हैं। संक्रमण के फलस्वरूप बुखार, जुकाम, सांस लेने में तकलीफ, नाक बहना और गले में खराश जैसी समस्या उत्पन्न होती हैं। यह वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है। इसलिए इसे लेकर बहुत सावधानी बरती जा रही है। कुछ मामलों में कोरोना वायरस घातक भी हो सकता है। खास तौर पर अधिक उम्र के लोग और जिन्हें पहले से अस्थमा, डायबिटीज और हार्ट की बीमारी है।

क्या हैं इससे बचाव के उपाय?

स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय ने कोरोना वायरस से बचने के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं। इनके मुताबिक हाथों को साबुन से धोना चाहिए। अल्‍कोहल आधारित हैंड रब का इस्‍तेमाल भी करना चाहिए। खांसते और छीकते समय नाक और मुंह को साफ रूमाल से ढककर रहना चाहिए लक्षण दिखने पर तत्काल COVID-19 हेल्प सेंटर पर जाकर उचित चिकित्सकीय परामर्श लें एवं आवश्यक दिशा निर्देश का पालन करें।

डॉ. प्रशांत कुमार पाण्डेय
एम.डी, जनरल फिजिशियन

नोट- Guest column के जरिए हमारे Readers लोगों तक अपनी बात पहुंचाते हैं। प्रस्तुत लेख की मूल रचना में editing नहीं की गई है। बात इतर है, कुछ शब्दों को दुरुस्त किया गया है। लेख के सार को लेकर फैसला अपने विवेकानुसार करें। Copyright Aaj Express के अधीन।

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