बड़ी बोल मेहमान लेखक 

Guest Writer : शिकायत मैं नहीं करता वो तो हालात कहते हैं, हासिल तेरी सांसो को हम एहसास कहते हैं

रहूं खामोश भी तेरे साथ तो हर बात हो जाती है, तुममें तुमसे तुमपे ही पूरी कायनात हो जाती है।

शिकायत मैं नहीं करता वो तो हालात कहते हैं, हासिल तेरी सांसो को हम एहसास कहते हैं, नहीं मुमकिन तेरी सोहबत मगर तू दूर कहां है, फिक्र में तेरी जाने कब दिन-रात हो जाती है।

ठहर जा मैं नहीं कहता किसी लम्हे से कभी भी, तेरी दूरी हर लम्हा सताती है अभी भी, मौजूद हर हालात भी मायूस हैं बहुत, हर ज़िक्र में शामिल तेरी खुशबू हो जाती है।

लिखते हैं मिटाते हैं तेरा नाम जाने क्यों, तन्हाई से यादों को मिलाते हैं जाने क्यों, सहर होती है तो ‘बांके’ ढूंढते हैं कोई बिस्तर, सिलवटें बनके चादर की वो फिर भी सताती है।

Disclaimer

नोट- Guest writer कॉलम के जरिए आप भी अपनी बात, शेर-ओ-शायरी, कहानी और रचनाएं लोगों तक पहुंचा सकते हैं। ‘आज एक्सप्रेस’ की तरफ से Guest writer द्वारा लिखे गए लेख या रचना में कोई हेरफेर नहीं की जाती। Guest writer कॉलम का उद्देश्य लेखकों की हौसला अफजाई करना है। लेख से किसी जीवित या मृत व्यक्ति का कोई सरोकार नहीं। यह महज लेखक की कल्पना है। Writer की रचना अगर किसी से मेल खाती है तो उसे महज संयोग माना जाएगा।

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