Guest Writer : नेकदिली दिल की कमजोरी न कहो, हर शै कहां मिटने का हुनर रखता है

तू बेहतर है आईने तुझ पर सब्र असर रखता, खासियत है तू सिर्फ हकीकत पे नज़र रखता है।
गुस्ताखियों तुम तभीतक रहलो जिंदा, जब तक किसी का इल्म सोया रहता है।
गुल से महक का हाल पूछा न करो, वो कायम ही वजूद ए महक रखता है।
नेकदिली दिल की कमजोरी न कहो, हर शै कहां मिटने का हुनर रखता है।
वादाखिलाफ ‘बांके’ तुझसा कहां मिलेगा, वादों से जाके कहदो इरादा असर रखता है।
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