Guest Writer : पहले पढ़ाई सब की थोड़ी अलग सी हो गई, फिर जिंदगी की लड़ाई बहुत अलग हो गई
Banke Banarasi Pankaj

पहले पढ़ाई सब की थोड़ी अलग सी हो गई, फिर जिंदगी की लड़ाई बहुत अलग हो गई।
लगाव था हम मित्रों में मिलते रहे चौराहों पर, जीवन संगिनीयां कुछ ज्यादा हि अलग हो गई।
कोई अमीर कोई मशहूर कोई मगरूर हो गया, आदतें जिंदगी की जाने कब अलग हो गई।
फैसले मिलके लेने वाले वो कौन थे कहां गए, उन्हीं हाथों की लकीरें जाने कब अलग हो गई।
वही शक्ल देखकर ‘बांके’ कहने लगा आईना, कब जाने कैसे शख्सियत इतनी अलग हो गई।
Disclaimer
Guest writer कॉलम के जरिए आप भी अपनी बात, शेर-ओ-शायरी, कहानी और रचनाएं लोगों तक पहुंचा सकते हैं। ‘आज एक्सप्रेस’ की तरफ से Guest writer द्वारा लिखे गए लेख या रचना में कोई हेरफेर नहीं की जाती। Guest writer कॉलम का उद्देश्य लेखकों की हौसला अफजाई करना है। लेख से किसी जीवित या मृत व्यक्ति का कोई सरोकार नहीं। यह महज लेखक की कल्पना है। Writer की रचना अगर किसी से मेल खाती है तो उसे महज संयोग माना जाएगा।