बड़ी बोल 

Guest Writer : ये जिंदगी है या ख्वाबों का सफरनामा है, समेटने को बिखरा हर एक देखो सामां है

Banke Banarasi Pankaj

ये जिंदगी है या ख्वाबों का सफरनामा है, समेटने को बिखरा हर एक देखो सामां है।

इक शोले की तरह जिंदगी धधकती है, ज़रूरतें किसी की किसी के अरमां है।

क्या खूब रोशनी है तेरी कलम की सियाही में, जिंदगी पे अल्फाजों से लिख़ा नगमां है।

बेज़ार होके भी क्या हासिल तुम्हें होगा, मुमकिन नहीं मरने तक आराम मिलना है।

हज़ार शिकायत लिए ख़ामोश़ क्यों हो ‘बांके’, गुनाह ए अज़ीम बेवजह का डरना है।

Disclaimer

Guest writer कॉलम के जरिए आप भी अपनी बात, शेर-ओ-शायरी, कहानी और रचनाएं लोगों तक पहुंचा सकते हैं। ‘आज एक्सप्रेस’ की तरफ से Guest writer द्वारा लिखे गए लेख या रचना में कोई हेरफेर नहीं की जाती। Guest writer कॉलम का उद्देश्य लेखकों की हौसला अफजाई करना है। लेख से किसी जीवित या मृत व्यक्ति का कोई सरोकार नहीं। यह महज लेखक की कल्पना है। Writer की रचना अगर किसी से मेल खाती है तो उसे महज संयोग माना जाएगा।

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