Guest Writer : आहिस्ता आहिस्ता जिंदगी बढ़ो आगे, मैं वक्त हूं कमबख़्त वक्त सा ही चलूंगा

खो कर देख लो मुझे दोबारा न मिलूंगा, किसी भी आईने को आवारा न मिलूंगा।
खाक मिलूं बनके ये मुमकिन है मगर, किसी जिंदगी की बनके जलन न मिलूंगा।
मुझसे मिले बेहतर मुझे भूल जाना बेशक, मैं हर बार तुम्हें पहले से बेहतर ही मिलूंगा।
आहिस्ता आहिस्ता जिंदगी बढ़ो आगे, मैं वक्त हूं कमबख़्त वक्त सा ही चलूंगा।
गौर से मुझे देख लो ज़रा ‘बांके’, मैं हालात हूं हमेशा बदला ही मिलूंगा।
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