बड़ी बोल 

Guest Writer : आहिस्ता आहिस्ता जिंदगी बढ़ो आगे, मैं वक्त हूं कमबख़्त वक्त सा ही चलूंगा

खो कर देख लो मुझे दोबारा न मिलूंगा, किसी भी आईने को आवारा न मिलूंगा।

खाक मिलूं बनके ये मुमकिन है मगर, किसी जिंदगी की बनके जलन न मिलूंगा।

मुझसे मिले बेहतर मुझे भूल जाना बेशक, मैं हर बार तुम्हें पहले से बेहतर ही मिलूंगा।

आहिस्ता आहिस्ता जिंदगी बढ़ो आगे, मैं वक्त हूं कमबख़्त वक्त सा ही चलूंगा।

गौर से मुझे देख लो ज़रा ‘बांके’, मैं हालात हूं हमेशा बदला ही मिलूंगा।

Disclaimer

Guest writer कॉलम के जरिए आप भी अपनी बात, शेर-ओ-शायरी, कहानी और रचनाएं लोगों तक पहुंचा सकते हैं। ‘आज एक्सप्रेस’ की तरफ से Guest writer द्वारा लिखे गए लेख या रचना में कोई हेरफेर नहीं की जाती। Guest writer कॉलम का उद्देश्य लेखकों की हौसलाअफजाई करना है। लेख से किसी जीवित या मृत व्यक्ति का कोई सरोकार नहीं। यह महज लेखक की कल्पना है। Writer की रचना अगर किसी से मेल खाती है तो उसे महज संयोग माना जाएगा।

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