Guest Writer : गलतफहमियां मुमकिन हैं लेकिन, खुशफैमियां भी बेहद ज़रूरी है जिंदगी में

कुछ तो ख्वाहिशें ज़रुरी है जिंदगी में, कुछ तो फरमाइशें ज़रुरी हैं जिंदगी में।
सुकूं के वास्ते कुछ आबोहवा बदलते रहो, रुख़ ए हवा बदलना जरूरी है जिंदगी में।
हर मुकाम पर कुछ तो होगा ही हासिल, सांस लेना हर लम्हा ज़रुरी है जिंदगी में।
उसकी हरकतों पे नज़र है मेरी गोया, बनके जिंदगी वो बस नहीं है जिंदगी में।
गलतफहमियां मुमकिन हैं ‘बांके’ लेकिन, खुशफैमियां भी बेहद ज़रूरी है जिंदगी में।
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