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भेलूपुर डकैती के ‘गुरुजी’ गिरफ्तार, अब उठेगा सच्चाई से पर्दा, कई पुलिस वालों पर लटकी है तलवार

Varanasi News : आखिरकार भेलूपुर डकैती कांड के मुख्य आरोपी अजीत मिश्रा उर्फ गुरूजी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। ये गिरफ्तारी लखनऊ में हुई। याद हो कि भेलूपुर थाना क्षेत्र के बैजनत्था स्थित आदि शंकराचार्य कालोनी में गुजरात की निजी फर्म के कार्यालय से 1.40 करोड़ रुपये की डकैती के मामले ने तूल पकड़ना शुरू हुआ तो कई लोगों के नकाब उतरे। बता दें कि इस डकैती कांड में भेलूपुर के तत्कालीन इंस्पेक्टर रमाकांत दुबे सहित 7 पुलिसकर्मियों की भी संलिप्तता पाई गई थी, जिन्हें वाराणसी कमिश्नर के आदेश पर जांच के बाद बर्खास्त कर दिया गया था।

याद हो कि 29 मई की रात में क्षेत्र के शंकराचार्य नगर कॉलोनी में 1.40 करोड़ रुपये की डकैती का मामला सामने आया था। गुजरात की कंपनी के एक कर्मचारी ने पुलिस से कार्यलय में डकैती की शिकायत कर मुकदमा दर्ज कराया, जिसके बाद पुलिस ने 30 मई की रात एक लावारिस कार में नोटों की बरामदगी की। कार में पुलिस को 92 लाख 600 रुपये मिले। इस मामले में पुलिस के आलाधिकारियों को भेलूपुर थाने की संलिप्तता की सूचना मिली। इसके बाद वाराणसी पुलिस कमिश्नर ने जांच के आदेश दिये। जांच में दोषी पाए गए तत्कालीन इंस्पेक्टर रमाकांत दुबे सहित 7 पुलिसकर्मियों को बर्खास्त कर दिया।

इस प्रकरण में चार आरोपी नवलपुर निवासी सच्चिदानंद उर्फ मंटू राय, प्रयागराज के शिवकुटी के सलोरी निवासी घनश्याम मिश्रा, सुल्तानपुर जिले के कादीपुर थाना क्षेत्र के बुढ़ाना निवासी प्रदीप पांडेय, प्रतापगढ़ जिले के रानीगंज थाना क्षेत्र के मो. वसीम को जेल भेजा जा चुका है। वहीं मुख्य आरोपी अजीत मिश्रा उर्फ गुरु जी मोबाइल बंद कर अंडरग्राउंड हो गए थे। हालांकि अजीत मिश्रा के पिता ने पुलिस आयुक्त मुथा अशोक जैन के पास प्रार्थनापत्र देकर मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की थी। वहीं शनिवार को मास्टरमाइंड गुरूजी को गिरफ्तार कर लिया गया। बता दें कि​ 1.40 करोड़ रुपये की डकैती और फिर नोटों की हेराफेरी में बर्खास्त पुलिसकर्मियों के खिलाफ अभी जांच जारी है.

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