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हवन अनुष्ठान से नए साल का आगाज : नव विहान के स्वागत में विशेष गंगा पूजन, आरती और हवन, भगवान भाष्कर को जल अर्पण कर दुधाभिषेक किया गया

Santosh Pandey

Varanasi : सूर्योदय से नव संवत्सर की शुरुआत हो गयी है। शनिवार को शिव की नगरी काशी में हिंदू नववर्ष का आगाज अलग ढंग से ही किया गया। प्रसिद्ध दशाश्वमेघ घाट के गंगा तट पर ब्रह्ममुहर्त में गंगा शुद्धिकरण, पर्यावरण शुद्धिकरण, आत्मिक और आध्यात्मिक शुद्धिकरण संग विश्व शांति के मंगलकामनाओं के लिए हवन अनुष्ठान किया गया। अनुष्ठान के बाद सभी ने भगवान भाष्कर को जल अर्पण कर दुधाभिषेक किया। 

गंगोत्री सेवा समिति द्वारा आयोजित इस हवन अनुष्ठान का आयोजन नित्य प्रतिदिन प्रातः काल में संपन्न होता है। काशी के दशाश्वमेध घाट पर आज प्रातः गंगोत्री सेवा समिति ने भगवान भास्कर की लालिमा के साथ सूर्य को नमन करते हुए गंगा जल से अभिसींचित किया।

दशाश्वमेध घाट पर ब्राम्हणों द्वारा सूर्य नमस्कार के बाद मंत्रों के अनुगूंज के साथ हवन, गंगा शोषड्स पूजन और दुधाभिषेक के साथ गंगा की आरती कर नव संवत्सर के आगमन का स्वागत सनातनी परंपरा के अनुसार किया गया। पूजन कार्य पं. सीताराम शास्त्री ने किया। पूजन में पं. किशोरी रमन दुबे, दिनेश दुबे, डॉ. संतोष ओझा, हरदत्त द्विवेदी और शिवम प्रमुख रूप से थे।

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