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गंगा आरती देख मंत्रमुग्ध हुई महामहिम : 9 अर्चक और 21 देव कन्याएं रही शामिल, हर हर महादेव के जयघोष से गूंजा मां गंगा का तट

Varanasi : काशी के कोतवाल कालभैरव मंदिर और काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन-पूजन के बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू दशाश्वमेध घाट पहुंचीं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के विश्व प्रसिद्ध गंगा आरती में शामिल होने के जानकारी होने पर उनकी झलक पाने के लिए गोदौलिया चौराहे पर और राजेंद्र प्रसाद घाट पर जगह-जगह लोग उनका इंतजार कर रहे थे। जैसे ही लोगों ने उन्हें देखा तो हर-हर महादेव का उद्घोष कर स्वागत किया। दशाश्वमेध घाट पर मां गंगा की आरती देख राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू भावविभोर हो गईं। गंगा तट पर उपस्थित जन समुदाय ने उनका स्वागत हर-हर महादेव के जयघोष से किया तो उन्होंने हाथ हिलाकर उनका अभिवादन स्वीकार किया। मुर्मू ने 45 मिनट तक 9 अर्चक और 21 देव कन्याओं के साथ स्पेशल गंगा आरती की। इस दौरान डेढ़ मिनट तक शंख गूंजता रहा।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जब दशाश्वमेध घाट पहुंचीं तो वहां मौजूद लोगों का हाथ जोड़कर अभिवादन किया। राष्ट्रपति ने मां गंगा की आरती उतारी और षोडशोपचार पूजन करके देशवासियों के कल्याण की कामना की। वो मंच पर बैठकर मां गंगा की आरती देखी। गंगा सेवा निधि के नौ अर्चक आरती उतार रहे थे। 21 कन्याएं मां गंगा को चंवर डोला रही थी। गंगा आरती देखने के बाद राष्ट्रपति, राज्यपाल और मुख्यमंत्री का काफिला एयरपोर्ट के लिए रवाना हो गया। राष्ट्रपति ने ट्वीट कर कहा कि आज मैंने वाराणसी में काल भैरव और काशी विश्वनाथ के दर्शन किए। दशाश्वमेध घाट पर गंगा आरती में भी भाग लिया जिसके आलौकिक स्वरों और दिव्य दृश्य ने पूरे वातावरण को सकारात्मक ऊर्जा से भर दिया। जीवनदायिनी मां गंगा का आशीर्वाद सभी देशवासियों को सदा मिलता रहे, यह मेरी मंगलकामना है।

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